ये भी पढ़ें –
एमपी में बनेगा उद्यमिता आयोग, नेतृत्व करेगा स्वदेशी जागरण मंच अभी ऐसे हालात
- प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अभी डॉक्टरों की कमी
- 4167 पद चिकित्सा विशेषज्ञों के स्वीकृत, 2563 पद इनमें खाली
- 5439 पद मेडिकल ऑफिसर के स्वीकृत, 1424 पद हैं खाली
- 639 डेंटल सर्जन के पद स्वीकृत, 392 पद इनमें खाली
ये भी पढ़ें –
स्कूल बस संचालकों के लिए सख्त आदेश जारी, कार्रवाई की भी चेतावनी
इसलिए पासआउट विद्यार्थियों की तैनाती
कॉलेजों में एमबीबीएस में प्रवेश लेते समय छात्रों को 10 लाख रुपए का ग्रामीण सेवा बॉण्ड भरना होता है। इसके तहत एमबीबीएस और इंटर्नशिप पूरी होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में १ साल चिकित्सा सेवा देना अनिवार्य है। पीजी छात्रों के लिए अवधि 5 साल तक है। ऐसा न करने पर 10 लाख जमा करने होते हैं। ये भी पढ़ें
– एमपी में अब पंचायतें भी ऑनलाइन, ऐसा किया तो नप जाएंगे अधिकारी और कर्मचारी मेरिट के अनुसार होगी पोस्टिंग
विभाग ने शुक्रवार से पोर्टल खोला है। इस पर विकल्प और अन्य जानकारी मिलेगी। डॉक्टरों को लॉगिन आइडी और पासवर्ड मोबाइल पर भेजे हैं। पोर्टल पर जिला व संस्थावार रिक्तियों की जानकारी मिलेगी। हर स्वास्थ्य संस्था के सामने रिक्तियों की संख्या दिखेगी। वरीयता के आधार पर संस्था चुननी होगी। एक डॉक्टर अधिकतम 30 विकल्प चुन सकेंगे। फिर के अनुसार पोस्टिंग होगी। ऐसे डॉक्टरों को शासन मानदेय देगी। पिछले साल ऐसे डॉक्टरों का मानदेय 55 हजार रुपए प्रतिमाह था।