नहीं होगा साल बर्बाद
डिजिटल यूनिवर्सिटी में छात्र अपनी सुविधानुसार कहीं से भी ऑनलाइन कक्षाएं ले सकेंगे। बीच में पढ़ाई छोडऩे पर स्टूडेंट का साल बर्बाद नहीं होगा। मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की सुविधा होगी। अन्य विश्वविद्यालयों के ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में नामांकन लेने और क्रेडिट की भी सुविधा होगी।
कम समय में पूरा होगा कोर्स
यदि कोई सिलेबस 4 साल का है और स्टूडेंट्स उसे कम समय में पूरा करने में सक्षम है, तब उसे कम अवधि में कोर्स पूरा करने की अनुमति मिलेगी। 4 साल के पाठ्यक्रम को 5 साल में भी करने की अनुमति मिलेगी। ये भी पढ़ें: Metro Project: ‘ओरेंज’ और ‘ब्लू लाइन’ के 23 स्टेशनों लिए करना होगा इंतजार
वर्चुअल क्लास लगेगी
यूनिवर्सिटी ऑनलाइन लर्निंग और ओपन डिस्टेंस लर्निंग मोड पर चलेगी। फिजिकल क्लास की जगह वर्चुअल या ऑनलाइन क्लासेस लगेंगी। हब एंड स्पोक मॉडल पर आधारित यूनिवर्सिटी में रोजगार परक पाठयक्रम होंगे।
रहेंगे एडवांस कोर्स
यूनिवर्सिटी में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के साथ इंटरटेन आफ थिंग्स जैसे कुछ कॉन्सेप्ट के साथ एडवांस एजुकेशन सिस्टम के कोर्सेज के अलावा स्कूल ऑफ कम्प्यूटर साइंस एंड आइटी, फाइनेंस एंड अकाउंटिंग, डाटा एनालिटिक्स और एनालिटिकल मैथेमेटिक्स,एआई, ब्लाकचैन, डाटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स, बायो-कम्प्यूटिंग, ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स एंड डिसरप्टिंग कन्वेंशन मॉडल आफ वर्क एंड बिजनेस जैसे कोर्स होंगे।
100 करोड़ आएगी लागत
उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के अनुसार इस यूनिवर्सिटी के निर्माण में करीब 100 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसे आरजीपीवी परिसर में खोला जाएगा। ड्रॉफ्ट भेजा जा चुका
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राजीव त्रिपाठी के अनुसार डिजिटल यूनिवर्सिटी पहले श्यामला हिल्स में बननी थी। लेकिन अब यह आरजीपीवी परिसर में बनगी। आरजीपीवी ने यूनिवर्सिटी के एक्ट का ड्रॉफ्ट बनाकर भेज दिया है।