घरेलू फूड इंस्ट्री को दिया जाएगा बढ़ावा
कृषि प्रधान राज्य होने के चलते प्रदेश के पास अनाज की कमी नहीं है, फल, सब्जी, मसाले का उत्पादन भी अच्छा है। इनसे तैयार होने वाले उत्पादों के लिए घरेलू इंडस्ट्री की स्थापना को बढ़ावा देने की तैयारी है। अभी ज्यादातर कच्चा माल बाहर भेजा जा रहा है, जिसे खाद्य सामग्री का रूप देकर वापस प्रदेश में बेचा जा रहा है। कई विदेशी कंपनियां भी इसमें शामिल है। सरकार इसका अध्ययन भी करवा रही है।
विदेशी वस्तुओं का मजबूत विकल्प
जनता को विदेशी वस्तुओं की तुलना में मजबूत विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा। अभी बाजार पर बड़ा कब्जा विदेशी वस्तुओं का है, जिसे कम कम करने के लिए व्यवस्थित चैन बनाई जाएगी। इसके जरिए लोगों को प्रत्येक प्लेटफार्म पर उनकी जरुरत की सामग्री वाले प्लेटफार्मों पर स्वदेशी चुनने का भी विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा। विशेषज्ञों की माने तो अभी लोगों के सामने स्वदेशी का विकल्प ही नहीं है।
स्वदेशी वस्तुएं सिर्फ उत्पाद नहीं, अस्मिता का प्रतीक: मुख्यमंत्री
जनअभियान परिषद और स्वदेशी जागरण मंच ने स्वदेशी स्वावलंब विषय पर राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया। राजधानी में शनिवार को आयोजित इस कार्यक्रम में स्वेदशी वस्तुओं को अपनाने पर जोर दिया गया। इस दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, स्वदेशी वस्तुएं केवल उत्पाद ही नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक हैं। पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए वोकल फॉर लोकल अभियान को भारतीयता की इसी भावना के साथ आगे बढ़ाना है। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने अपनी संस्कृति और धरोहर को बचाने के लिए सभी को सरकार के स्वदेशी अभियान से जुड़ने का आह्वान किया। इस दौरान स्वदेशी से जुड़े रहने सभी ने सामूहिक शपथ ली। स्वदेशी अपनाने का प्रस्तावित रोडमैप
- कुटीर एवं ग्रामोद्योग हस्तशिल्प, हैंडलूम व रेशम उत्पाद क्षेत्र को मजबूत किया जाएगा।
- हस्तशिल्प के तहत तैयार की जा रही स्वदेशी वस्तु व सामग्रियों तक आम लोगों की पहुंचाने के लिए ई-कामर्स प्लेटफार्म मदद करेगा।
- स्वदेशी सामग्री, वस्तु तैयार करने वाले कामगारों को आधुनिक प्रशिक्षण व संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।
- हैंडलूम क्षेत्र में दिया जाने वाला अनुदान बढ़ाया जाएगा, पूर्व से जारी अनुदान जारी रहेगा।
- महेश्वरी व चंदेरी जैसी साड़ियों व अन्य प्रसिद्ध स्वदेशी उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए नई सिरे से प्रयास होंगे।
- प्रदेश में रेश्मी धागा तैयार करने के लिए काकून उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार इसके लिए नई प्रोत्साहन योजना लाएगी।
- प्रदेश का रेश्मी धागा कई देशों में काफी प्रसिद्ध है। प्रदेश के सभी कारखानों, यूनिटों को अपग्रेड कर ऑनलाइन व्यवस्था से जोड़ा जाएगा।
- टेक्सटाइल क्षेत्र को गति देने के लिए कपास का घर में ही उपयोग किया जाएगा, कपास उत्पादकों को ज्यादा छूट देकर समस्याओं का हल निकाला जाएगा।