बताया गया है कि एक व्यक्ति साल में अधिकतम पांच बार राह-वीर बन सकता है। बता दें कि गोल्डन ऑवर (पहले एक घंटे) में जान बचाने वाले राह-वीर को 25 हजार का इनाम और प्रशंसा-पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
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यदि कोई व्यक्ति घायल को सीधे अस्पताल या पुलिस के जरिए चिकित्सा सुविधा तक पहुंचाता है तो पुलिस या अस्पताल द्वारा प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। इसके बाद जिला स्तर पर समिति जांच कर नाम की अनुशंसा करेगी। परिवहन विभाग राशि बैंक खाते में भेजेगा। यदि एक से अधिक राह-वीर एक पीड़ित की जान बचाते हैं तो राशि समान रूप में बंटेगी। 10 सर्वश्रेष्ट राह-वीरों को हर साल राष्ट्रीय स्तर पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे।