असल में राज्य सरकार चाहती है कि वित्त मामलों के जानकार अफसरों को बेहतर प्रशिक्षण मिले। जिससे खजाने का बेहतर प्रबंधन हो सके, बजट की राशि का सही ढंग से उपयोग हो, लीकेज रुके। राज्य सरकार समय-समय पर ऐसे प्रयास करती रही है। इसी कड़ी में अफसरों को फाइनेंशियल मैनेजमेंट का कोर्स इसी कड़ी का हिस्सा है। वित्त विभाग ने जारी पत्र में कहा कि जो अधिकारी इस कोर्स में भाग लेना चाहते हैं वे अपने आवेदन 26 मई को विभाग की स्थापना शाखा में उपलब्ध करा दें।
प्रशिक्षण जुलाई से
राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान नई दिल्ली ने जेएनयू के साथ मास्टर यह कोर्स तैयार किया है। दो वर्षीय कोर्स पूरा होने पर इन अफसरों को जेएनयू से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट अवॉर्ड की जाएगी। वित्त सेवा के अफसरों के लिए दो वर्षीय पाठ्यक्रम की शुरुआत जुलाई से होगी। कोर्स 2025-27 का होगा। ये भी पढ़ें:
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अफसरों को विदेश में भी प्रशिक्षण मिलेगा। विभाग ने कहा है कि इस कोर्स के अंतर्गत दो सप्ताह की अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां भी शामिल हैं। कोर्स भारत सरकार वित्त मंत्रालय द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों को उनके व्यक्तिगत व्यय जैसे बोर्डिंग चार्जेस, स्पोर्टस चार्जेस, पावर कन्सम्पशन आदि वहन करना होंगे। विभाग को केवल उनके वेतन, भत्ते देने होंगे।