आदेश में की गई ये बातें
आदेश के अनुसार, भोपाल सहित अन्य संभाग के एडी (क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक) और कॉलेज प्राचार्य अपनी फर्स्ट लोकेशन स्वयं मार्क करेंगे। यही स्थायी लोकेशन होगी, जहां से कॉलेज और एडी कार्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी हाजिरी लगाएंगे। इस प्रक्रिया का पूरा दायित्व अब एडी और प्राचार्य पर रहेगा। यदि इसमें कोई त्रुटि या लापरवाही पाई जाती है तो सीधे उन्हीं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। अधिकारियों का मानना है कि इससे न केवल सिस्टम मजबूत होगा, बल्कि संस्थानों में जिम्मेदारी की भावना भी और गहरी होगी। (MP News)
कलेक्टर व आयुक्त तक टाइम रिपोर्ट
प्राचार्य कॉलेज की आइडी से लॉगिन कर उपस्थिति का पूरा डेटा देख सकते हैं और यह रिपोर्ट सीधे वाट्सऐप के माध्यम से जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त तक पहुंचाई जाएगी। खास बात यह है कि केवल आने का समय मान्य नहीं होगा, बल्कि आने और जाने दोनों समय दर्ज करना अनिवार्य होगा। (MP News)
प्राध्यापक संघ ने किया विरोध
शासन का उद्देश्य प्रोफेसर व शिक्षकों की उपस्थिति वेरीफाई करना नहीं बल्कि परेशान करना है। अधिकांश कॉलेज कैंपस 20 से 25 एकड़ में बने हैं। एग्जाम, प्रैक्टिकल आदि के समय सीधे कक्षाओं में जाना होता है। कई बार एक स्थान पर नेटवर्क नहीं आता तो आसपास जाना होता। यदि सभी लोग एक ही स्थान से एप पर हाजिरी दर्ज करेंगे तो समय भी बर्बाद होगा। – प्रो. आनंद शर्मा, अध्यक्ष, प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ ये भी जाने
ये होंगे बदलाव - हाजिरी सिर्फ कार्यस्थल से दर्ज होगी
- लोकेशन रीसेट का विकल्प खत्म
- सिर्फ आने का समय मान्य नहीं, जाने का समय भी दर्ज करना जरूरी
ये उठाएंगे जिम्मेदारी - एडी (क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक)
- कॉलेज प्राचार्य (गलती या गड़बड़ी पर होगी सीधी कार्रवाई)
सिस्टम की खासियतें - एनालिटिकल डैशबोर्ड से डेटा एनालिसिस
- कलेक्टर व आयुक्त को रियल-टाइम रिपोर्ट
- पूरी प्रक्रिया मोबाइल एप आधारित