इसके बाद सितंबर-अक्टूबर में डीपीसी होगी और पदोन्नति दी जाएगी। इस बीच नए नियमों को समझने और उनके आधार पर अधिकारी, कर्मचारियों को पदोन्नत किए जाने संबंधी प्रशिक्षण भी मिलेगा, इसकी व्यवस्था सामान्य प्रशासन विभाग करेगा। अगले दो वर्षों में 4.50 लाख अधिकारी, कर्मचारियों को पदोन्नति मिलेगी। इसके बाद 2 लाख पद खाली हो जाएंगे, इन पर अगले 4 वर्षों में नई भर्तियां होंगी। बता दें कि सीएम डॉ. मोहन यादव की 8 अप्रेल को घोषणा के बाद कैबिनेट ने 17 जून को नए पदोन्नति नियम को मंजूरी दी।
…तो 5 वर्ष तक नहीं होगी पदोन्नति
राज्य में कर्मचारियों और अधिकारियां को पदोन्नति के 2 महीने में ज्वाइन करना होगा। ज्वाइन नहीं करने वालों को 5 वर्ष तक पदोन्नति नहीं मिलेगी। सरकारी वसूली के आदेश वाले कर्मचारी, 100 फीसद हिस्सा जमा करने के एक साल तक पदोन्नति के हकदार नहीं होंगे। यह प्रावधान गुरुवार को सामान्य प्रशासन की ओर से जारी मप्र लोकसेवा पदोन्नति नियम 2025 में किए हैं। नए नियमों का गजट नोटिफिकेशन भी हो गया। अब विभागीय पदोन्नति समितियां बनाकर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू होगी।
एससी और एसटी आरक्षण रहेगा जारी
क्लास 1 के लिए मैरिट कम सीनियरिटी और इससे नीचे के लिए सीनियोरिटी कम मैरिट आधार पर पदोन्नति दी जाएंगी। पदोन्नति में एसटी वर्ग के कर्मियों को आरक्षण जारी रहेगा। एसटी के लिए कुल खाली 100 में से 20 फीसद और एससी वर्ग के लिए कुल खाली 100 में से 16 फीसद पद आरक्षित रहेंगे। पदोन्नति संबंधी कार्रवाई करने वाली विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) में एसटी, एससी वर्ग के अफसरों को शामिल करना होगा। समिति के अध्यक्ष संबंधी विभाग के सचिव या विभागाध्यक्ष होंगे। प्रत्येक विभाग में बनाने वाली समितियों में सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव स्तर या उससे वरिष्ठ स्तर के अधिकारी होंगे। निलंबित होने, आरोप पत्र जारी होने, आपराधिक आरोप के संबंध में कोर्ट में चालान पेश होने, कोर्ट की ओर से आरोप तय होने की स्थिति में संबंधितों को अयोग्य माना जाएगा।
विरोध देख सरकार दायर करेगी कैविएट
सरकार ने हाईकोर्ट में कैविएट दायर करने का निर्णय लिया है। सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव अजय कटेसरिया ने बताया, जबलपुर हाईकोर्ट समेत सभी खंडपीठ में कैविएट की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अजाक्स व मंत्रालयीन शीघ्रलेखक अधिकारी कर्मचारी संघ को छोड़ सपाक्स समेत कई कर्मचारी नए नियमों में एसटी, एससी को 20 व 16 फीसद आरक्षण, 8 लाख से अधिक आय वाले कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण के प्रावधान से नाराज हैं।
वित्त वर्ष में दो बार होगी डीपीसी
इस वित्तवर्ष में डीपीसी दो बार होगी। पहला मौका जून से लेकर जुलाई के अंत तक मिलेगा और दूसरा मौका सितंबर-अक्टूबर में आएगा। इसके बाद अगले वित्त वर्ष से सिर्फ सितंबर-अक्टूबर में ही डीपीसी होगी और पदोन्नति दी जाएगी।
ऐसे बढ़े मंजिल तक
● अप्रैल 2016 : पदोन्नति नहीं ● 8 अप्रैल 2025: मोहन यादव की पहली बार पदोन्नति की घोषणा ● 10 जून 2025: कैबिनेट में नियम के प्रस्ताव पर चर्चा ● 17 जून 2025: कैबिनेट में मंजूर