अभी तक किसान बिजली खरीदते हैं, लेकिन नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की सूर्य मित्र कृषि फीडर सहित अन्य योजनाओं की मदद से भविष्य में किसान बिजली बनाएंगे। सरकार बिजली खरीदेगी। सरकार जल्द सभी शासकीय भवनों पर सोलर रूफटॉप भी लगवाने जा रही है।
रात में नहीं करना पड़ेगा काम
सीएम डॉ. मोहन यादव ने यह बातें सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट में कहीं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के माध्यम से हम सरप्लस बिजली वाले बने हैं। सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना से किसानों को दिन में भी बिजली मिल सकेगी। उन्हें रात में खेतों में काम नहीं करना पड़ेगा। सरकार का सब्सिडी का बोझ भी कम होगा। छोटे निवेशक और किसान इस योजना में आसानी से निवेश कर सकते हैं। कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, मंत्री कृष्णा गौर, मधुबनी (बिहार) के सांसद अशोक यादव भी मौजूद थे।
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सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना के तहत सबस्टेशंस की 100% क्षमता तक की सौर परियोजनाओं की स्थापना की जा सकेगी। स्थानीय उद्यमियों के लिए निवेश एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने न्यूनतम उत्पादन की कोई लिमिट नहीं है। परियोजना लगाने वाले निवेशक या किसानों से शासन 25 साल तक बिजली खरीदने का अनुबंध करेगी। इसमें जो रेट तय होंगे, उसी दर पर सरकार बिजली खरीदेगी।
सोलर प्लांट स्थापित करने प्रति मेगावाट 1.05 करोड़ की केंद्रीय सहायता मिलेगी। सात साल तक 3% ब्याज छूट के साथ ऋण की सुविधा दी जा रही है। मध्यप्रदेश में 1900 से अधिक सबस्टेशंस पर 14,500 मेगावाट क्षमता परियोजनाओं के चयन के लिए उपलब्ध है। समिट में जानकारी निवेशकों को दी गई।
लेटर ऑफ अवॉर्ड दिए
पांच निवेशकों को लेटर ऑफ अवॉर्ड (एलओए) दिए गए। इनमें अभिषेक तिवारी नीमच में 1.2 मेगावाट, हरबचंद माहेश्वरी देवास में एक किलोवाट, विनोद पोरवाल मंदसौर में एक किलोवाट, भोपाल में सुरेन्द्र सिंह दो किलोवाट और निर्मला बाई देवास के पंजापुरा में दो किलोवाट का सोलर प्लांट लगाएंगी। जिन्होंने योजना से संबंधित सर्टिफिकेट प्रोग्राम में भाग लिया उन्हें प्रमाण-पत्र दिए गए। सीएम ने ग्लोबल एक्सपर्ट एवं जेआइजेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बर्नार्ड क्रूजबर कोतकनीकी सहयोग के लिए सम्मानित किया। मैनिट की प्रोफेसर प्रियंका पालीवाल का भी सम्मान किया गया।