सहारा ग्रुप की जमीन घोटाले की शिकायत के बाद फरवरी में ईओडब्लू ने जांच शुरू की। इस दौरान व्यापक जांच और पूछताछ के बाद मामले में FIR दर्ज कर ली गई। आरोप है कि भोपाल और सागर में जमीन बिक्री की राशि 62.52 करोड़ को SEBI-Sahara खाते में जमा नहीं कराया गया। जबलपुर, कटनी और ग्वालियर में भी करोड़ों की हेराफेरी की गई।
सहारा ग्रुप ने कई शहरों में सहारा सिटी बनाने के नाम से जमीनें खरीदीं थीं। सुप्रीम कोर्ट व भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानि SEBI द्वारा ग्रुप को इस शर्त पर प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति दी गई थी कि प्राप्त राशि से निवेशकों का पैसा लौटाना होगा। इसके लिए जमीनों के खरीदार को मुंबई के बैंक ऑफ इंडिया के सेबी-सहारा रिफंड खाता नंबर 012210110003740 में सीधे पैसे जमा कराने का प्रावधान था लेकिन सहारा ग्रुप ने शैल कंपनियों में राशि जमा करा दी। इस प्रकार जमीन बेचने के बाद भी निवेशकों को राशि नहीं दी।
सीमांतो रॉय सीधे तौर पर शामिल
ईओडब्लू ने अपनी जांच में जबलपुर और कटनी की जमीन बेचने के फैसले में कॉर्पोरेट कंट्रोल मैनेजमेंट प्रमुख सीमांतो रॉय को सीधे तौर पर शामिल पाया। डीजीएम जेबी रॉय की भोपाल की जमीन बेचने के मामले में अहम भूमिका पाई गई।