URL या अज्ञात नंबर से भेजी गई तस्वीर हो सकती है खतरनाक
साइबर अपराधी समाचार अथवा सूचनाओं से संबंधित विशेष अपडेट, संघर्ष से संबंधित कथन या लीक हुए फुटेज के बहाने दुष्प्रचार सामग्री प्रसारित कर रहे हैं, जिनमें मैलवेयर, स्पाइवेयर या फिशिंग वेबसाइट्स के लिंक होते हैं। ये सामग्री विभिन्न यूआरएल लिंक या अज्ञात नंबरों से भेजी गई तस्वीरों के रूप में हो सकती है, जो व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसे सोशल प्लेटफॉर्म के जरिये बड़ी आसानी से वायरल की जा सकती है।इस तरह कर सकते हैं साइबर अटैक, जानें तरीके
दुष्प्रचार रूप से तैयार की जाने वाली apk फाइल, .exe फाइल और वीडियो फाइल/लिंक को व्हाट्सएप, ई-मेल या अन्य किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा है। इन संदेशों में फिशिंग लिंक एम्बेड करना जो विश्वसनीय स्रोतों या समूहों के समान प्रतीत होते हैं। वैध समाचार या सरकारी स्रोतों की तरह दिखने के लिए डिजाइन की गई इन फिशिंग वेबसाइट्स से व्यक्तिगत डेटा चुराया जा सकता है। एप या टूल (जैसे- ‘Live war updates App’) के रूप में लेबल की गई APK फाइल्स का प्रसार किया जा रहा है, जिसके जरिए डेटा चुराना या डिवाइस लॉक कर फिरौती मांगी जा सकती है। इसके अतिरिक्त इन टूल्स से बैंक खातों के साथ साथ आपका सोशल मीडिया भी हैक किया जा सकता है।व्हाट्सएप पर ऐसे हो रहे शिकार
कभी भी अनजान फोन नंबर से भेजे गए वीडियो या इमेज फाइल को Open करने से बचें। भले ही वो फाइल किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा फॉरवर्ड की गई हो, जिसे आप जानते या भरोसा करते हैं। खुद भी ऐसे मैसेज फाइल को कभी किसी पर्सनल या को या किसी समूह को फॉरवर्ड न करें। सिर्फ गूगल प्ले स्टोर या अधिकृत एप स्टोर से ही किसी एप को इंस्टाल करें। विवादित अपडेट या संवेदनशील फुटेज दिखाने का दावा करने वाले फॉर्वर्डेड लिंक पर क्लिक कर ओपन न करें। अगर आप किसी ऐसे ग्रुप के सदस्य हैं जहां भड़काऊ या असत्यापित सामग्री शेयर की जा रही हो तो ऐसा करने वाले संदिग्ध व्हाट्एप या टेलीग्राम ग्रुप से बाहर निकलें, रिपोर्ट करें और ऐसे ग्रुप को डिलीट कराएं।WhatsApp की सुरक्षा सेटिंग्स
ऑटो डाउनलोड Disable करें: WhatsApp की Setting में -> Storage और Data -> सभी Media (Photo, Audio, Video, Documents) के लिए Auto-download को Disable करें। अकाउंट हैक होने से बचाने के लिए हमेशा WhatsApp अकाउंट Setting में 2-step Verification Enable करके रखें। किसी भी दुष्प्रचार संदेश या समूह गतिविधि को सीधे WhatsApp पर Report करें या cybercrime.gov.in पर इसकी रिपोर्ट करें।E-mail उपयोगकर्ताओं के लिए
किसी अज्ञात मेल आईडी से भेजे गए ईमेल को न खोलें, खासकर वे जो भारत-पाक संघर्ष से संबंधित विषय दर्शा रहा हो। अनचाहे ईमेल से आए अटैचमेंट को डाउनलोड करने या लिंक पर क्लिक करने से बचें। ईमेल की सावधानीपूर्वक जांच करें, क्योंकि फिशिंग ईमेल भेजने के लिए साइबर अपराधी अकसर असली जैसे दिखने वाले एड्रेस की नकल करते हैं। सभी ईमेल अकाउंट्स में 2-Factor Authentication (2FA) Enable करें। Updated Antivirus Software का ही उपयोग करें और Spam Filter को Enable रखें।सामान्य साइबर जागरूकता
भारत-पाक संघर्ष पर अपडेट या सूचनाएं जानने के लिए सिर्फ सत्यापित समाचार चैनल और सोशल मीडिया हैंडल पर ही यकीन करें। संवेदनशील फर्जी समाचारों को Forward या Download करने से बचने के लिए Fact Checkers का इस्तेमाल करें। Cloud Storage एवं महत्वपूर्ण डेटा का नियमित रूप से Backup लेते रहें। अपने Antivirus और Mobile Security Software को नियमित रूप से Update करें। विशेष रूप से संवेदनशील घटनाओं या सूचनाओं की असत्यापित सामग्री को Share करने से बचें। अधिकृत सरकारी वेबसाइटों और हैंडल के माध्यम से किसी भी ग्राफिक जानकारी को सत्यापित करें।आपातकालीन स्थिति के लिए जरूरी सेटिंग्स
-इमरजेंसी SOS फीचर (Emergency SOS) Android: सेटिंग्स > सेफ्टी और इमरजेंसी इमरजेंसी SOS में जाकर इसे ऑन करें। (पावर बटन को 5 बार दबाकर SOS भेजें)iPhone: सेटिंग्स > इमरजेंसी SOS > ‘साइड बटन से कॉल करें’ और ‘ऑटो कॉल’ चालू करें। (साइड बटन को 5 बार दबाकर SOS भेजें)
iPhone: हेल्थ ऐप > मेडिकल ID सेट करें और ‘लॉक स्क्रीन पर दिखाएं’ चालू करें। -इमरजेंसी अलर्ट ऑन करें