सरकार ने बिजली कंपनियों की बिल दक्षता, संग्रहण दक्षता, पारेषण हानि और सब्सीडी कम करके साल 2028-29 तक लगभग पांच प्रतिशत की दर घटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यानी सरकार की कार्ययोजना सफल रही तो चुनावी साल में बिजली के दाम घट सकते हैं। इस प्लान के तहत अगले साल 2026-27 में टैरिफ में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का विकल्प रखा गया है। वहीं, साल 2027-28 में बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।
कंपनी बता रही घाटा, पर..
मिली जानकारी के अनुसार, वैसे तो बिजली कंपनियां लगभग 6 हजार करोड़ फायदे में हैं, लेकिन उन्होंने 4107.18 करोड़ का घाटा बताते हुए बिजली के मौजूदा टैरिफ में 7.52 फीसदी बढ़ोतरी की मांग की है। बिजली कंपनियों ने साल 2025-26 के लिए 58744.15 करोड़ के राजस्व की आवश्यकता बताई है। कंपनी के अनुसार, प्रचलित दरों पर 54636 करोड़ का राजस्व मिलेगा। इससे बिजली कंपनियों को 4107.18 करोड़ का नुकसान होगा। इसकी भरपाई के लिए कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाने की मांग की है। फिर भी नियामक आयोग ने 3.46 प्रतिशत बिजली दरें बढ़ाने की मंजूरी दी थी।
2023-24 में घाटे में नहीं थी बिजली कंपनियां
मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियां वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुसार घाटे में नहीं थीं। यहां दस्तावेदों के अनुसार, उनकी आय और खर्च बराबर थे। हालांकि, 2025-26 के लिए बिजली दरों को बढ़ाने की मांग की गई है। 2022-23 में राज्य की वितरण उपयोगिताओं का कुल घाटा 57,223 करोड़ रुपए था, जो 2021-22 के 26,947 करोड़ रुपए से बढ़कर था। वहीं, बिजली कंपनियों को वित्तीय वर्ष 2023-24 में 54,637 करोड़ रुपए की आय हुई और उतना ही खर्च हुआ।
बिजली दरों में कमी लाने की जाएगी समीक्षा
विद्युत वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार, तकनीकी और वाणिज्यिक (एटी एंड सी) हानियों में कमी के साथ साथ उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय वर्ष 2028-29 तक विद्युत दरों में वर्ष-दर-वर्ष कमी लाने के लिए पांच वर्षीय (वित्तीय वर्ष 2024-25 से वित्तीय वर्ष 2028-29 तक) टारगेट सेट किया गया है। ये टारगेट हासिल करने के लिए बिजली कंपनी के साथ साथ मैदानी स्तर पर इन लक्ष्यों की ही तरह आंतरिक लक्ष्य भी निर्धारित किए जाएंगे और कार्ययोजना बनाकर इन्हें प्राप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। ये लक्ष्य हासिल करने के लिए एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी और विभाग द्वारा नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी।
सीएम के निर्देश पर बनी कार्य योजना
ऊर्जा विभाग के एसीएस नीरज मंडलोई का कहना है कि, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर कार्य योजना बनाई है। इसके अनुसार पांच वर्ष के लक्ष्य तीनों कंपनियों को दिए गए हैं। इसकी सतत निगरानी की जाएगी।