पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने पाठ्यक्रम के जरिए छात्रों के बीच झठा ज्ञान और झूठा इतिहास बताने का दावा करते हुए कहा कि, ‘बीजेपी की सरकार ने झूठ के अलावा कुछ नहीं कहा है। प्रधानमंत्री ने लाल किले से कहा कि, संघ का 100 साल का इतिहास है। लेकिन, हिंदुस्तान की आजादी को 79 साल हुए हैं। उस समय संघ आगे क्यों नहीं आया? उन्होंने कहा कि, देश बंटवारा कांग्रेस द्वारा नहीं, बल्कि हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग की जिद के चलते हुआ था। भाजपा नेता तब उसी संघ और हिंदू महासभा के सदस्य थे।’
देशभर में क्यों हुई सियासत?
दरअसल, एनसीईआरटी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के मौके पर एक विशेष मॉड्यूल जारी किया है। इस मॉड्यूल में भारत के बंटवारे के लिए तीन प्रमुख जिम्मेदारों के रूप में जिन्ना, कांग्रेस और तत्कालीन वायसराय माउंटबेटन को जिम्मेदार बताया। मॉड्यूल में ‘बंटवारे के दोषी’ नामक संस्करण के तहत कहा गया कि, 15 अगस्त 1947 को भारत का बंटवारा हुआ। इसके लिए तीन तत्व जिम्मेदार थे। पहला जिम्मेदार जिन्ना को ठहराया गया, जिन्होंने बंटवारे की मांग की। दूसरा जिम्मेदार कांग्रेस को ठहराया, जिसने मांग स्वीकार की और तीसरा जिम्मेदार तत्कालीन वायसराय माउंटबेटन जिसने बंटवारा किया। कक्षा छठवीं से 12वीं तक के लिए दो माड्यूल हैं।