दो अंडरग्राउंड पार्किंग के प्लान में भी बदलाव होगा। गौरतलब है कि प्रोफेसर कॉलोनी में 10 खसरों में 8.821 हेक्टेयर जमीन है। पूरी जमीन का उपयोग आवासीय से पीएसपी यानि अर्द्ध सार्वजनिक कर दिया गया है।
प्रशासन ने इसलिए किया बदलाव
कलेक्ट्रेट व इसी तरह के कार्यालय यहां शिफ्ट करने थे, जिससे यहां ट्रैफिक बढ़ने की स्थिति बनती। जनप्रतिनिधियों व रहवासियों के विरोध की वजह से कलेक्ट्रेट व इससे जुड़े अन्य विभागों की शिफ्टिंग को रद्द कर दिया गया है। अब वे पुराने शहर में ही रहेंगे। संभाग स्तर के कुछ कार्यालय यहां लाए जाएंगे। इनसे अब ट्रैफिक की आवाजाही ज्यादा नहीं होगी। ऐसे में प्रोजेक्ट से फिलहाल बड़ी अधोसंरचनाओं को बाहर कर दिया गया है। इससे बजट भी लगभग 50 फीसदी घट गया है। प्रोजेक्ट की डिजाइन में बदलाव किया गया है। इसके लिए संबंधित एजेंसी काम कर रही हैं। री-डेंसीफिकेशन में जो जरूरी है वही कार्य पहले किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो बाद में नए प्रावधान जोड़े जा सकते हैं। कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर
ये भवन हटेंगे
-क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं -मलेरिया नियंत्रण अधिकारी -निर्भया होम के चार भवन -पीडब्ल्यूडी भंडार सिविल व विद्युत -एनसीसी नेवल विंग को एमवीएम कॉलेज में एनसीसी आर्मी विंग के पास -सर्किट हाउस लोक निर्माण विभाग को नया स्टेट गेस्ट हाउस बनने के बाद विस्थापित करेंगे -गीतांजलि कामकाजी महिला छात्रावास की टैगोर हॉस्टल में शिफ्टिंग -चीफ इंजीनियर चंबल बेतवा बेसिन नर्मदा भवन में
-कार्यपालन यंत्री विद्युत जल संसाधन को नर्मदा भवन में (रि-डेंसीफिकेशन में 139 भवन शामिल हैं)
यह बदलाव भी
-पुराने सरकारी कार्यालयों व भवनों को हटाकर नए भवन बनेंगे -दो अंडरग्राउंड पार्किंग के प्लान में भी होगा बदलाव -प्रोफेसर कॉलोनी की 8.821 हेक्टेयर भूमि अर्द्ध सार्वजनिक की गयी