ये सनसनीखेज हादसा गुरुवार 06 सितंबर देर रात का बताया जा रहा है। यहां छात्र मोहम्मद बोरा अपने दो दोस्तों के साथ यूनिवर्सिटी कैंपस के पास टहल रहा था। अचानक झाड़ियों से एक बाघ निकलकर आया और उसने मोहम्मद बोरा पर हमला कर दिया। झपट्टा मारने से छात्र के पैर में नाखून लग गए, जिससे एक इंच गहरा घाव बन गया। शोर और दोस्तों के हस्तक्षेप से टाइगर भागकर झाड़ियों में छिप गया। इधर, सभी दोस्त घायल छात्र को तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां जरूरी उपचार के बाद उसे अगले दिन छुट्टी दे दी गई।
डीएफओ ने दी घटना की जानकारी
डीएफओ लोकप्रिय भारती के अनुसार, फुटप्रिंट्स और मूवमेंट से पुष्टि हो गई है, कि हमला टाइग्रेस टी-123 के एक वर्षीय शावक ने किया है। घटना के बाद यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट को नोटिस जारी कर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने और फेंसिंग और व्यवस्थित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, इलाके में ट्रैप कैमरेलगाए जा रहे हैं। वन विभाग की टीम लगातार मौके पर मौजूद है और सर्चिंग जारी है।
शावकों का मूवमेंट बढ़ा
कलियासोत और केरवा जंगल में टाइगर का मूवमेंट लगातार देखा जा रहा है। टाइग्रेस टी-123 अपने दो शावकों के साथ कई बार जंगल और डैम के आसपास नजर आ चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि, अगर ये हमला किसी वयस्क टाइगर के द्वारा किया गया होता तो हालात बेहद गंभीर होते। इस घटना ने स्थानीय लोगों और छात्रों में दहशत का माहौल है।
तब तक पंजा मार चुका था बाघ
हादसा और भी बड़ा हो सकता था जो छात्र की बहादुरी से टल गया। छात्र सूर्यांश सिसोदिया के परिजन उपेंद्र सिसौदिया का कहना है कि, सूर्यांश और मोहम्मद बोरा समेत अन्य कुछ छात्र परिसर में टहल रहे थे। तभी अचानक बाघ ने बोरा पर हमला कर दिया। बेटे ने बताया कि दोस्त का हाथ जोर से खींचा और चिल्लाए, तब तक बाघ नाखून मार चुका था। तुरंत सुरक्षित जगह आ गए। जहा स स्थितियों को भांवने के बाद तुरंत ही बोरा को लेकर अस्पताल पहुंचे।
5 बाघों का मूवमेंट
वन अधिकारियों का कहना है कि जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के आसपास २ बाघों का मूवमेंट है। कलियासोत की तरफ बाघिन टी-123 के दो शावक, केरवा की ओर तीन बाघों का मूवमेंट है।