वहीं जैसे ही नई चाबियों का इस्तेमाल करने की प्रक्रिया शुरू हुआ, उसी दौरान पुरानी चाबियां भी अचानक मिल गईं। पुलिस की रेडियो विभाग इस मामले में जांच करना शुरू कर दी है, वहीं पुलिस कमिश्नर हरि नारायण चारी मिश्र ने कहा कि इस मामले की जानकारी नहीं है और अभी कोई पुता सबूत नहीं मिले है। संबंधित अधिकारी से जानकारी ली जाएगी।
नई चाबी बनवाने के आदेश दिया
चाबी गुम होने की सूचना मिलते ही अधिकारियों ने तत्काल 39 नई चाबियां बनवाने के लिए आदेश दिया और काम शुरू कर दिया गया। इसके लिए करीब 78,000 रुपए का खर्च आया। नई चाबियां बनकर जब तैयार हुईं, तभी इनका परीक्षण शुरू किया गया।
पुरानी चाबियां मिल गईं
नई चाबियों के परीक्षण के बीच अचानक पुरानी गुम हुई चाबियां भी मिल गईं। इतनी बड़ी संख्या में चाबियां आखिर गई कहां थीं और अचानक कैसे वापस मिल गईं। इस लापरवाही से भोपाल पुलिस की सिस्टम पर गंभीर प्रश्न चिह्न खड़े कर दिए हैं।