किसानों की पीड़ा, नहीं मिल रहे भाव किसान दीपक माली ने बताया कि जहां एक ओर उत्पादन कम हुआ है, वहीं जो फसल बची हैं, उसकी गुणवत्ता इतनी खराब हो गई कि व्यापारी उन्हें सही कीमत नहीं दे रहे। कई जगहों पर किसानों को सब्जियों की लागत मिल पाना मुश्किल हो गया है। व्यापारियों की मानें तो बारिश के सीजन में नई सब्जियां तैयार होने के बाद ही लोगों को गुणवत्ता परक सब्जियां मिल सकेंगी। खुदरा विक्रेता राधा देवी ने बताया कि रोजमर्रा की सब्जियों की कमी के कारण भावों में तेजी आई है। सब्जियों के उत्पादन पर तापमान में उतार-चढ़ाव का असर पड़ रहा है। य
यह भी है कारण व्यापारी मथुरालाल माली ने बताया कि लू के कारण सब्जियां नष्ट हो गई हैं। इससे मंडी में पहले की तुलना में आवक गिर कर 40 प्रतिशत रह गई है। पहले रोज अच्छी गुणवत्ता वाली सब्जियां आती थीं उनकी गुणवत्ता अब गिर चुकी है। कृषि उपज मंडी में भी महंगे भावों में सब्जी खरीदनी पड़ रही हैं। किसानों का कहना है कि मानसून समय पर आता है तो सब्जियों की नई फसल तैयार होगी।
सब्जी भाव प्रतिकिलो
- आलू 25 रुपए
- प्याज 20 रुपए
- टमाटर 50 रुपए
- बैंगन 80 रुपए
- खीरा 50 रुपए
- ककड़ी 60 रुपए
- भिंडी 40 से 50
- तुरई 70 से 80
- करेला 50 रुपए
- टिंडे- 80 रुपए
- कद्दू 30 रुपए
- लहसुन 70 रुपए
- मिर्च 160 रुपए
- ग्वारफली 80 रुपए
- फूलगोभी 80 रुपए
- लौकी 40 रुपए
- नींबू 50 रुपए
- अदरक 80 रुपए