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भीलवाड़ा

तीन गिरफ्तार, कांस्टेबल लाइन हाजिर, सरपंच की तलाश

दादिया खदान में दो श्रमिकों की मौत का मामला
भील समाज का विरोध, बागोर थाने में बैठ कर बिताई रात
मांडल व सहाड़ा विधायक देंगे मृतक आश्रितों की आर्थिक सहायता

भीलवाड़ाJun 07, 2025 / 08:43 am

Suresh Jain

Three arrested, constable present in line, search for sarpanch

Three arrested, constable present in line, search for sarpanch

बागोर थाना पुलिस ने दादिया ग्राम में अवैध खदान के ढहने व दो श्रमिक की मौत के मामले में पंचायत समिति सदस्य समेत तीन जनों को गिरफ्तार किया है। जबकि सरपंच कालूलाल जाट समेत एक अन्य की तलाश जारी है। घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह यादव ने कांस्टेबल राजूराम बलाई को लाइन हाजिर किया।
दादिया में अवैध खदान के ढहने व पत्थर व मलबे के नीचे दबने से दो श्रमिक पुरोहितों का खेड़ा निवासी उदयराम भील (25) और बाज्या खेड़ा निवासी राजकुमार जाट (26) की बुधवार रात मौत हो गई थी। इस मामले में खनिज विभाग ने भीलवाड़ा व मृतकों के परिजनों ने पांच जनों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवाया। पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र यादव के निर्देश पर बागौर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। प्रकरण में पुलिस ने तीन जनो को गिरफ्तार किया।
थाना प्रभारी भंवरलाल जाट ने बताया कि अवैध खनन के चलते दो श्रमिकों की खदान के ढहने से मौत हो गई थी। परिजनों ने बागोर निवासी कालूराम जाट, हरीश खटीक, पेंटर सांसी, देवनारायण खटीक व ललित जाट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस ने इस मामले में पंचायत समिति सदस्य हरीश खटीक, ललित जाट, देवनारायण खटीक को गिरफ्तार कर लिया। सरपंच कालूराम जाट व पेंटर सांसी फरार है। मामले की जांच कारोई थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह को सौंपी है।
पुलिस अधीक्षक ने बागोर थाने के कांस्टेबल राजूराम बलाई की संंदिग्ध भूमिका मानते हुए उसे लाइन हाजिर कर दिया। उधर, भील समाज के लोग मुआवजे की मांग व निष्पक्ष जांच को लेकर पूरी रात बागोर थाने में बैठे रहे। विधायक लादूलाल पितलिया ने मृतक के परिजनों को 21-21 हजार व विधायक उदयलाल भड़ाना ने 50-50 हजार रुपए सहायता राशि देने की घोषणा की है।
लीज पर जमीन लेते है और फिर खनन

जिन क्षेत्रों में यह अवैध खनन हो रहा है। उन क्षेत्रों में पानी की कमी है। जमीन पथरीली है। इस कारण किसानों को पैसों का लालच देकर माफिया इनके खेतों की तीन से चार बीघा जमीन लीज पर ले लेते हैं। चरागाह जमीन के मामले में सरपंच व गांव के लोगों के बीच एग्रीमेंट करके वहां पर अवैध खनन कर पत्थर व अभ्रक निकाल कर बेचते हैं। कई बार खनन को लेकर पड़ोसी खेत के मालिक विरोध भी जताते हैं। लेकिन इसका खामियाजा उन्हें मारपीट से भुगतना पड़ता है।
राजस्व को हो रहा नुकसान

बताया जा रहा है कि क्वाटर्स, फेल्सपार व अभ्रक के खनन से राजस्व को अच्छी आमदनी होती है। इस खनिज पर अच्छी खासी रॉयल्टी भी है। लेकिन अवैध खननकर्ताओं की ओर से खनन करने से राजस्व को बड़ा नुकसान हो रहा है।
कुआनुमा खदान के आधार पर कर रहे अवैध खनन

गंगापुर, भादू, दादिया, बागौर व आस-पास के क्षेत्र में बसों से चरागाह जमीन पर अवैध खनन हो रहा है। अवैध खनन के माध्यम से पहले यहां से अभ्रक निकाला गया था। अब वहां से क्वाटर्स, फेल्सपार निकाल रहे है। इसके लिए अवैध खननकर्ता कुआनुमा के आधार पर खनन कर रहे है। दादिया में ऐसे आधा दर्जन खनन पीट बना रखे है। हालांकि यह सभी पीट काफी पुराने बताए गए है।

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