पत्रिका की खबर पर हुई कार्रवाई गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका के सोमवार के अंक में “भीलवाड़ा जिले में 179 स्कूलों पर ताले, 15 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों का भविष्य अधर में” शीर्षक से समाचार प्रकाशित हुआ था। कलक्टर संधू ने इसे गंभीरता से लेते हुए सोमवार को मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं पदेन जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा कार्यालय में आयोजित जिला स्तरीय निष्पादक समिति बैठक में शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए।
कुछ ब्लॉकों में संख्या अधिक, कुछ में कम कलक्टर ने कहा कि मांडल और बदनोर ब्लॉक में जर्जर स्कूलों की संख्या काफी कम है, जबकि अन्य कुछ ब्लॉकों में यह संख्या अधिक है। 179 स्कूलों के आंकड़े हाल ही में 27 बिंदुओं पर आधारित सर्वे रिपोर्ट में सामने आए हैं।
इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा बैठक में असुरक्षित व जर्जर विद्यालयों के अलावा निम्न बिंदुओं पर भी गंभीर चर्चा हुई। इनमें गणितीय दक्षता एवं कौशल स्तर अभिवर्धन कार्यक्रम में कक्षा 2 से 5 की विषय वस्तु को सम्मिलित करना। हरियालो राजस्थान अभियान के तहत स्कूलों में हरियाली बढ़ाने की योजना। विद्यालय भवन व खेल मैदान पर हुए अतिक्रमण की स्थिति पर भी चर्चा की गई।
पायलट प्रोजेक्ट भी होगा शुरू भीलवाड़ा जिले के 2718 राजकीय हिंदी माध्यम विद्यालयों की कक्षा 5 में मिशन पायलट प्रोजेक्ट गणितीय दक्षता एवं कौशल अभिवर्धन जल्द शुरू किया जाएगा। 27 बिंदुओं पर हुआ था सर्वे
हालिया सर्वे में 179 जर्जर स्कूलों के अलावा कई और महत्वपूर्ण बिंदुओं की जांच की गई थी। इसमें भवन की सुरक्षा, खेल मैदान की स्थिति, कक्षाओं की उपयोगिता, पेयजल और शौचालय व्यवस्था, हरियाली, अतिक्रमण और शैक्षिक गुणवत्ता से जुड़े पहलू शामिल थे।
15 हजार से ज्यादा बच्चे प्रभावित जर्जर स्कूलों के कारण जिले में 15 हजार से अधिक विद्यार्थी प्रभावित हो रहे हैं। कई जगह भवन पर ताले लगे हैं और पढ़ाई अस्थायी स्थानों में करवाई जा रही है। कुछ गांव में जगह नहीं होने पर छात्रों को धार्मिक स्थलों पर भी पढ़ाया जा रहा है। आयोजित बैठक में शिक्षा विभाग से जुड़े सभी अधिकारी उपस्थित थे।