केमिकलयुक्त पानी का टैंकरों से हो रहा अवैध निस्तारण निरीक्षण के दौरान स्वरूपगंज एरिया स्थित हाइवे किनारे नालों में टैंकरों द्वारा केमिकलयुक्त दूषित पानी छोड़े जाने के प्रमाण मिले हैं। हमीरगढ़ पुलिया के पास भी टैंकरों से पानी छोड़ा जा रहा था, जो सीधे बनास नदी में जाकर मिल रहा है। यह गंभीर पर्यावरणीय संकट का संकेत है।
टैंकरों से नालों में छोड़ा गया पानी, सबूत मिले स्वरूपगंज चौराहे के पास टैंकर से रोड साइड ड्रेन में पानी छोड़ा गया। इस पर संगम इंडिया लिमिटेड, एके स्पिनटेक्स (संरक्षक) और आरएसडब्ल्यूएम के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय भेजी गई। मानसून में टैंकर उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाय। आपात स्थिति में वीडियोग्राफी सहित सूचना देना अनिवार्य किया।
तीन प्रोसेस हाउसों में मिली गंभीर अनियमितताएं आरपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि निरीक्षण के दौरान कई इकाइयों में नियमों का खुला उल्लंघन मिला। – रंजन प्रोसेस हाउस: पीछे आ रहे दूषित पानी का टीडीएस – 2500 था वह कुछ दूरी पर टीडीएस -3200 से अधिक मिला।
– पूजा स्पिनटेक्स: परिसर में फैला हुआ दूषित पानी मिला। टीडीएस 10 हजार था। – अनन्त प्रोसेस: एमईई का संचालन बंद था, बावजूद इसके फ्लो मीटर चलता मिला। गूगल शीट में गड़बड़ियां
सभी इकाइयों से गूगल शीट में एमईई सॉल्ट, ईटीपी स्लज, मीटर रीडिंग भरने के निर्देश हैं। लेकिन कई इकाइयों ने गलत या अधूरी जानकारी दर्ज की डेटा मिसमैच की पुष्टि हुई। साफ-सफाई के निर्देश व चेतावनी भी
रंजन प्रोसेस को प्राकृतिक नाले के पास से झाड़ियां हटाने के निर्देश दिए। अन्य इकाइयों को भी सीमा क्षेत्र की सफाई के निर्देश दिए। इसके लिए 7 दिन का समय दिया गया। यदि दूषित जल निस्तारण की पुनरावृत्ति हुई तो कंसेन्ट टू ऑपरेट निरस्त करने की अनुशंसा की जाएगी।
बोर्ड ने ‘राजस्थान पत्रिका’ की खबर को लिया गंभीरता से गौरतलब है कि 2 अगस्त को राजस्थान पत्रिका ने “भीलवाड़ा की बनास नदी में फिर बहा काला जहर” शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद से आरपीसीबी हरकत में आया और लगातार क्षेत्रीय निरीक्षण किया जा रहा था।
प्रोसेस हाउसों पर लगया जुर्माना 18 जून रौनक प्रोसेस 1,12,500 रुपए 19 जून सर्वोदय प्रोसेस 11,95,313 रुपए 26 जून आरएसडब्ल्यूएम 4,11,250 रुपए 2 जुलाई अनन्त प्रोसेस 9,84,375 रुपए सख्त कार्रवाई की चेतावनी
सभी प्रोसेस हाउस संचालकों व प्रबंधकों की अपने कार्यालय में बैठक ली। इसमें स्पष्ट किया कि यदि किसी भी इकाई ने दूषित जल का अवैध निस्तारण जारी रखा, तो कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। कंसेन्ट टू ऑपरेट निरस्त करने की अनुशंसा की जाएगी।
दीपक धनेटवाल, क्षेत्रीय अधिकारी आरपीसीबी भीलवाड़ा