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भीलवाड़ा

खनन हड़ताल से 4 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान

प्रदेश में 18 हजार खदानें और 2,200 क्रशर बंद, सामग्री दरों में रेकॉर्ड उछाल

भीलवाड़ाAug 12, 2025 / 08:41 am

Suresh Jain

Mining strike causes loss of more than Rs 4 thousand crores

Mining strike causes loss of more than Rs 4 thousand crores

प्रदेश में चल रही स्टोन क्रशर एवं चुनाई पत्थर व्यवसायियों की राज्यव्यापी हड़ताल ने निर्माण क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। प्रदेश की 18 हजार खदानें और 2,200 क्रशर पिछले 11 दिनों से पूरी तरह बंद हैं। इसका सीधा असर सड़क, पुल, सरकारी भवन, निजी निर्माण, रियल एस्टेट और औद्योगिक परियोजनाओं पर पड़ा है। हड़ताल से अब तक 4 हजार करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व नुकसान हो चुका है।
दरें छू रहीं आसमान

खनन कार्य बंद होने से बजरी, रोड़ी, चुनाई पत्थर, मार्बल, ग्रेनाइट, सीमेंट, सरिया जैसी निर्माण सामग्री की दरों में रेकॉर्ड तोड़ वृद्धि दर्ज हुई है। निर्माण कार्य के ठप पड़ने से पीडब्ल्यूडी संवेदक, बिल्डर्स, ठेकेदार और छोटे निर्माण कारोबारी भी संकट में हैं।
संगठनों का मिला समर्थन

इस हड़ताल को पीडब्ल्यूडी संवेदक संघ, ग्रेनाइट एसोसिएशन, मार्बल व्यापार मंडल समेत कई संगठनों ने खुला समर्थन दिया है। इनका कहना है कि खनन व्यवसायियों की जायज मांगों को सरकार को जल्द मान लेना चाहिए, ताकि निर्माण कार्य सामान्य हो सके।
जयपुर में उच्च स्तरीय बैठक

खनन व्यवसायियों की एकजुटता और हड़ताल के असर को देखते हुए खान एवं पेट्रोलियम विभाग ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। इस कमेटी की जयपुर में आयोजित बैठक में खान विभाग की ओर से समित अध्यक्ष महेश माथुर, वाईएस सहवाल, जेके गुरुबक्षाणी, एनएस शक्तावत, अविनाश कुलदीप, पीएस. मीणा शामिल हुए। भीलवाड़ा के अनिल सोनी ने बताया कि जिले में सभी खदानों के साथ आरएमसी प्लांट, क्रशर प्लांट तथा चुनाई पत्थर की खदानें बद होने से रोजाना 30 लाख का नुकसान हो रहा है।
मांगें और आश्वासन

बैठक में खनन व्यवसायियों ने वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट प्लान, ग्रीन बेल्ट डेवलपमेंट शुल्क, परिवहन परमिट नियम, रॉयल्टी दरें और पर्यावरण मंजूरी जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। समिति ने सभी मांगों को सरकार तक पहुंचाने और समाधान निकालने का आश्वासन दिया, लेकिन खनिज संगठनों ने स्पष्ट किया कि “जब तक ठोस सहमति नहीं बनती, हड़ताल जारी रहेगी।”

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