बता दें कि ससुर राजू जोगी और उसके दामाद परिवार के साथ खदान के पास रहते थे। घटना के समय दामाद खदान में काम कर रहे थे। जबकि राजू किसी काम से गांव में दुकान पर गया था। वापस लौटने पर राजू को खदान में मिट्टी धंसी मिली और दोनों दामाद का पता नहीं लगा।
अवैध खनन कर छोड़ दिए गहरे गड्ढे…मौत के कुएं बन ले रहे जान
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
थाना प्रभारी गणेशराम मीणा और ठेकेदार वहां पहुंचे। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर एलएनटी मशीन से मिट्टी बाहर निकालने का काम शुरू हुआ। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। खदान की चौड़ाई कम होने और गहराई अधिक होने के कारण रेस्क्यू में समय लगा। करीब आठ घंटे बाद दोनों शव बाहर निकाले गए। मृतक किशन के दो बेटे और एक माह की बेटी है, जबकि मुकेश की पत्नी आठ माह की गर्भवती है।
यहां अवैध खदानों की भरमार
क्षेत्र में अवैध खानों की भरमार है। पटवारी सुरेश कुमार ने बताया कि अवैध खान की जमाबंदी के अनुसार धर्मराज, राजवीर, नर्मदा पुत्र ओंकार मीणा, गीता पुत्री भूरी मीणा निवासी शिवनगर के नाम खातेदारी है। जबकि वहां मौजूद लोगों का कहना था कि इस खान को सरसिया गांव का बंटी और राजेंद्र चलाता है।