scriptCG News: जनवरी में बच्चे बदले, अब मां चली गई! मासूमों से बार-बार छिन रहा ममता का साया… | The kids changed in January, now the mother is gone! | Patrika News
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CG News: जनवरी में बच्चे बदले, अब मां चली गई! मासूमों से बार-बार छिन रहा ममता का साया…

CG News: भिलाई जिला अस्पताल में महिने भर के भीतर डिलीवरी के लिए आई दूसरी महिला की मौत हो गई। इसके पहले 9 जुलाई को भी एक महिला की मौत हो गई थी।

भिलाईAug 04, 2025 / 12:34 pm

Shradha Jaiswal

CG News: जनवरी में बच्चे बदले, अब मां चली गई! मासूमों से बार-बार छिन रहा ममता का साया...(photo-patrika)

CG News: जनवरी में बच्चे बदले, अब मां चली गई! मासूमों से बार-बार छिन रहा ममता का साया…(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिला अस्पताल में महिने भर के भीतर डिलीवरी के लिए आई दूसरी महिला की मौत हो गई। इसके पहले 9 जुलाई को भी एक महिला की मौत हो गई थी। जिसकी अब तक जांच चल रही है। जिला अस्पताल में प्रसूति के लिए लगभग सभी जरूरी सुविधाएं हैं, फिर भी डिलीवरी होने के बाद मौत वहां की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। शनिवार को दुर्ग निवासी ममता की सिजेरियन डिलीवरी हुई।

CG News: एक माह में दूसरी दुखद घटना

बताया जाता है कि बच्चे को जन्म देने के तीन घंटे बाद उसकी तबियत बिगड़ गई। फिर उसकी स्थिति नहीं सुधरी और वह नवजात को छोड़कर चल बसी। जिला अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि कभी ऐसी घटना हो जाती है जिससे महिला की मौत हो जाती है। एनियोटिक लूड मां के बल्ड में चला जाता है और जानलेवा साबित होता है।
ममता के केस को ऐसा ही बताया जा रहा है। ऐसी नौबत न आए, इसके लिए क्या तैयारी की जाती है इस बारे में कोई कुछ नहीं बोल रहा है। वैसे मौत की वजह जानने के लिए महिला के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया है। कहा जा रहा है कि रिपोर्ट आने के बाद स्थिति और साफ होगी।

9 जुलाई को नार्मल डिलीवरी के बाद महिला की हो गई मौत

कबीर नगर, कुगदा, निवासी आरती मारकंडे की 9 जुलाई को जिला अस्पताल में ही मौत हो गई थी। उसकी नार्मल डिलीवरी हुई थी। इसके बाद करीब 5 घंटे वह जीवित रही। फिर अचानक उसकी मौत हो गई। इस मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन जांच कर रहा है। उसकी जांच रिपोर्ट आई नहीं है और यह दूसरा मामला सामने आ गया है।

संलग्नीकरण समाप्त होने के बाद भी हैं मौजूद

शासन ने 5 जून से संलग्नीकरण समाप्त करने की घोषणा की है। इसके बाद विभिन्न स्थानों से जिला अस्पताल भेजे गए कर्मियों को अपने मूल स्थान पर वापस भेजना था। जिला अस्पताल, दुर्ग में इसका अब तक पालन नहीं हुआ है। यहां अभी भी दूसरी जगह के कर्मचारी काम कर रहे हैं और यहां से दूसरे जगह भेजे गए कर्मचारी वापस अपने मूल स्थान पर नहीं लौटे हैं।

सुरक्षित प्रसव की उम्मीद न टूटे

जिला अस्पताल में गर्भवती को सुरक्षित प्रसव की उम्मीद में परिजन लेकर आते हैं, लेकिन कई बार लापरवाही बरतने के कारण महिलाओं की जान पर बन आती है। वहां पैसे मांगने की शिकातें भी मिलती रहती है। लोग बताते हैं कि बहुत लोग खुशी से अपनी हैसियत के अनुसार पैसे देते भी हैं, लेकिन पैसा कम हुआ तो जच्चा बच्चा की देखभाल में कथित तौर पर उदासीनता बरती जाती है। अगर ऐसा है तो यह बहुत गंभीर बात है।
जिला अस्पताल के इसी यूनिट से एक शिकायत के बाद आधा दर्जन अनुभवी नर्सों का तबादला 26 दिसंबर 20 24 को किया गया था। इसमें सुशीला सिंह, अर्पण मसीह, नीता यादव और अन्य तीन को यहां से हटाकर दूसरी जगह भेज दिया गया था। लोगों का कहना है कि जिला अस्पताल में गंभीर केस भी आते हैं। इसलिए यहां अनुभवी लोगों का होना जरूरी होता है। किसी को यहां से हटाया जाता है तो उसकी जगह अनुभवी हो ही नियुक्ति किया जाना चाहिए।

बच्चों की अदला-बदली, करानी पड़ी डीएनए टेस्ट

जनवरी में यहां बच्चा अदली बदली की घटना भी घट चुकी है। दो महिलाओं की एक ही दिन डिलीवरी हुई थी। एक महिला जब सप्ताह भर बाद टांका खुलवाने आई तब बच्चे के हाथ में बंधे टैग में लिखे मां के नाम से इसका खुलासा हुआ। इस मामले में डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड (डीएनए) टेस्ट करवाया गया। तब जाकर बच्चों को असली माता पिता को सौंपा गया। इस मामले में लापरवाही को लेकर जांच की गई, लेकिन इस मामले में छोटे कर्मियों पर ही गाज गिरी।

मां की हो जाती है अचानक मौत

एनियोटिक लूड एबोलिज्म होता है, जो डिलीवरी के समय बहुत कॉमन होता है। इसमें एनियोटिक लूड मां के बल्ड में चला जाता है और मां की अचानक मौत हो जाती है।

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