नगर निगम भिलाई से अलग होकर बने रिसाली निगम को भिलाई इस्पात संयंत्र हर साल 1 करोड़ 52 लाख 41 हजार 45 रूपए संपत्तिकर के रूप में देता है। रिसाली निगम पशासन हर साल संयंत्र के अधिकारियों को नए सिरे से विवरणी भरकर राशि जमा करने के लिए कहता रहा है,लेकिन संयंत्र के अधिकारियों ने इस पर रूचि नहीं है। आखिर में निगम आयुक्त ने बीएसपी के आवास समेत रिक्त भूमि की गणना करने के बाद नोटिस जारी किया है।
वास्तविक प्रॉपर्टी टैक्स पर लगा पेनाल्टी
भिलाई इस्पात संयंत्र रिसाली को संपत्तिकर के रूप में 1 करोड़ 52 लाख 41 हजार 45 रूपए दे रहा है। वास्तविक गणना के बाद यह राशि बढ़कर 6 करोड़ 69 लाख 84 हजार 8 सौ 85 रूपए हो गई है। स्वविवरणी में गड़बड़ी होने पर एक्ट के तहत संपत्तिकर की राशि में 5 गुना पेनाल्टी लगाने पर यह राशि 23 करोड़ 50 लाख 6 हजार 5 सौ 45 रुपए है। भिलाई इस्पात संयंत्र को अब पेनाल्टी के साथ कुल 28 करोड़ 86 लाख 3 हजार 37 रूपए जमा करना होगा। लगेगा 2 प्रतिशत अधिभार
संयंत्र के अधिकारी अगर नोटिस में दर्शाए गई राशि को जल्द जमा नहीं करते हैं, तो यह राशि हर माह बढ़ेगी। निगम के अधिकारियों का कहना है कि नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 138 की उपधारा 3 उपधारा 2 के अधीन व
छत्तीसगढ़ नगर पालिका भवन, भूमि के कर योग्य संपत्ति मूल्य का निर्धारण नियम 2021 के नियम 14 के अनुसार संपत्तिकर के अंतर की राशि तथा अंतर की राशि जमा करने की तारीख के बीच अंतर के प्रत्येक माह के लिए 2 प्रतिशत की दर से अधिभार लिया जाएगा।
वास्तविक गणना में पाया गया कि इस्पात संयंत्र केवल टाउनशिन में बने रिहायशी आवास का संपत्तिकर दे रहा है। वहीं खाली जमीन, उद्यान, धार्मिक व व्यवसायिक परिसर का संपत्तिकर जमा ही नहीं कर रहा है। निगम ने इस मामले में बीएसपी को पत्र लिखा है।
भिलाई इस्पात संयंत्र इस संबंध में किसी भी प्रकार का पक्ष रखना चाहता है, तो वह नोटिस प्राप्त होने से 15 दिवस के भीतर अपना पक्ष रख सकता है। पक्ष नहीं रखने पर अंतर की राशि और अधिरोपित राशि की वसूली नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 में उल्लेेखित प्रावधानों के अनुसार एकतरफा कार्रवाई कर की जाएगी। – मोनिका वर्माआयुक्त रिसाली निगम