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भिलाई

सेन्ट्रल जेल में नाबालिग! परिजनों को भनक तक नहीं, पुलिस पर लापरवाही का आरोप…

CG News: भिलाई जिले में ओडिशा से छत्तीसगढ़ दुर्ग पहुंचे नाबालिग को उरला क्षेत्र में बाइक चोरी के मामले में मोहन नगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।

भिलाईAug 02, 2025 / 12:33 pm

Shradha Jaiswal

सेन्ट्रल जेल में नाबालिग! परिजनों को भनक तक नहीं, पुलिस पर लापरवाही का आरोप...(photo-patrika)

सेन्ट्रल जेल में नाबालिग! परिजनों को भनक तक नहीं, पुलिस पर लापरवाही का आरोप…(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में ओडिशा से छत्तीसगढ़ दुर्ग पहुंचे नाबालिग को उरला क्षेत्र में बाइक चोरी के मामले में मोहन नगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। न्यायिक रिमांड पर उसे जेल भेजा गया। पुुलिस के मुताबिक पूछताछ में उसने अपनी उम्र 19 वर्ष बताया था।
वह एक महीने से दुर्ग सेंट्रल जेल में बंद है। जब परिजनों को इसकी जानकारी हुई, तो वे प्रमाण पत्र लेकर कोर्ट पहुंचे। उसके परिजनों ने उसे नाबालिग बताया। परिजनों का आरोप है कि 10 वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाले बच्चे को बाल संप्रेषण गृह न भेजकर बिना पूछताछ किए सेंट्रल जेल भेज दिया गया।

CG News: जानिए क्या है मामला

दुर्ग कोर्ट पहुंचे नाबालिग के पिता और भाई ने बातचीत में बताया कि वे ओडिशा नौपाड़ा क्षेत्र के रहने वाले हैं। छोटा बेटा 10 वीं की पढ़ाई करता है। करीब डेढ़ महीने से वह घर से बिना बताए निकल गया। उसकी आसपास में बहुत खोजबीन की। क्षेत्रीय थाना में गुमशुदगी दर्ज कराई।
दो तीन दिन पहले किसी ने फोन पर जानकारी दी कि उनका बेटा दुर्ग जेल में बंद है। तब वे दुर्ग पहुंचे, लेकिन कोई कुछ बताने को तैयार नहीं था। कोर्ट में स्थित अशोक नोटरी के पास पहुंचे। उन्हें बेटे के बारे में जानकारी दी। थानों के कोर्ट मुंशी से पूछताछ करने पर पता चला कि मोहन नगर थाना उरला क्षेत्र में चोरी के मामले में जेल भेज है।
नाबालिग बच्चे के पिता का आरोप है कि मेरे बेटे के खिलाफ ओडिश में कोई अपराध दर्ज नहीं है। वह 10 वीं की पढ़ाई करता है। यहां पुलिस ने चोरी में उसे पकड़ा। पुलिस को उसके बारे में पैरेट्स को जानकारी देना था। उसके बारे में पता करना था। उसकी उम्र कितनी है। उसे बाल संप्रेषण गृह न भेज कर सेंट्रल जेल में डाल दिया।

एक्सपर्ट की राय

दुर्ग जिला अधिवक्ता संघ के सचिव रविशंकर सिंह न कहा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि किसी भी प्रकरण में 24 घंटे के अंदर आरोपी के परिजनों को जानकारी देना है। इसके अलावा उसके बारे में पूछताछ करनी थी। नाबालिग बच्चें को डेढ़ महीने से जेल में बंद रखना, ऐसे मामलों में पुलिस को उसके आधार कार्ड की जांच करनी थी। घोर लापरवाही हुई है।
मोहन नगर थाना के टीआई केशव कोसले ने कहा की जून में उरला क्षेत्र से बाइक चोरी के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में उसने अपनी उम्र 19 वर्ष बताया था। उसी के आधार पर उसे कोर्ट में पेश किया। न्यायिक रिमांड पर उसे जेल भेजा गया है। उनके पिता को फोन पर इसकी सूचना दी गई थी।

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