जनहित में शिव सेना ने मांग की कि धार्मिक कार्यक्रमों और शादी समारोह में तेज आवाज में डीजे का चलन काफी बढ़ता जा रहा है। पहले डीजे थ्री व्हीलर फोर व्हीलर में डीजे बजाए जाते थे, अभी हालात ऐसे हैं कि 25 से 40 फीट की ट्रक-ट्रेलरों में साउंड सिस्टम बजते सुना जा सकता है। पशु भी इसके म्यूजिक सिस्टम से इधर-उधर भागने लगते हैं जो बेहद चिंता का विषय है।
DJ Ban Demand: जान का खतरा
उन्होंने बताया कि गणेश चतुर्थी व दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए बजाए जाने वाले डीजे में बड़ों के साथ छोटे बच्चे भीड़ में नाचने लगते हैं। इससे जान का खतरा बना रहता है। शहरों में तंग गलियों में विशेष मौकों पर आए दिन 1 से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर तेज आवाज में
डीजे साउंड सिस्टम बजते सुना जा सकता है। 1 से 5 साल के बच्चे डीजे के आसपास से गुजरने से ध्वनि प्रदूषण से सबसे अधिक खतरा दूधमूहें बच्चों को है।
कान को नुकसान
पत्र में कहा है कि डीजे के शोर से कान का पर्दा को भी नुकसान पहुंचा सकता है। उम्र बढऩे के साथ उनके कान की सुनने की क्षमता कम होने लगती है। धडकनें भी तेज होने लगती है। उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों के दौरान लोगों को सडकों पर घंटों तक ट्रेफिक जाम लग जाती है। आपातकालीन सेवाएं रूक जाती हैं। और आम आदमी का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। ध्वनि विस्तार यंत्र से उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण से आम लोगों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। डीजे की तेज आवाज से मरीजों को सही समय मदद नहीं मिलने से ब्रेन हेमरेज की आशंका अत्यधिक रहती है। जनदर्शन में शिकायत करने के दौरान प्रदेश सचिव सुरेंद्र यादव, भिलाई जिला अध्यक्ष राजू गुप्ता, रमेश सिंह, संदीप हटवार, गगन कुमार मौजूद थे।