CG News: 908 ट्रांसफार्मर के एलटी यूज उड़े
सीएसपीडीसीएल दुर्ग रीजन के मुख्या अभियंता संजय खंडेलवाल ने बताया कि 71 स्थानों पर पेड़ की शाखाएं बिजली की लाइनों गिरी थी। जिसके कारण 64 बिजली खंभे क्षतिग्रस्त हो गए थे। 26 अगस्त रात 11.30 बजे आई तेज आंधी के कारण दुर्ग रीजन के 133 क्षेत्र के फीडर ट्रिप हो गए थे। इसके बाद कंपनी के कर्मचारी एवं आउटसोर्स
कर्मचारी मौके पर पहुंचे और सुधार कार्य शुरु किया। करीब 188 जगहों से एचटी और एलटी लाइनों पर गिरी पेड़ों की शाखाओं को हटाया गया।
विज्ञापन लैक्स भी तार पर गिरे
बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि जगह-जगह विज्ञापन के लिए लगाए गए लैक्स तेज हवा में उड़कर बिजली के तार में फंस गए। इसके कारण शॉर्ट सर्किट हुआ। कई कंडक्टर ब्रस्ट हो गए। वहीं स्काई लिट वाहन एवं कर्मचारियों की मदद से पेड़ों की डालियों को काटकर तारों से हटाया गया।
इस क्षेत्रों के उपभोक्ता हुए प्रभावित
ऋषभ नगर दुर्ग, रुआबांधा, पुष्प वाटिका, आनंद नगर, आदर्श नगर, नेहरु नगर, डुन्डेरा, सिविल लाइन डी-वन, शिव मंदिर बोरसी, स्मृति नगर क्षेत्रों में बिजली सबसे अधिक प्रभावित रही। इन स्थानों में विद्युत लाइनों पर बड़े पेड़ों की शाखाएं बिजली तार से गुजरी थी। जैसे ही तेज हवाएं चली, पेड़ और कई जगह शाखाएं टूट कर तार पर गिर गई। 33केवी फीडर को किया चालू
अधिकारियों ने बताया कि सीमित
कर्मचारियों के बावजूद, बिजली विभाग ने आस-पास के कार्यालयों के लाइन स्टॉफ की मदद से अतिरिक्त टीमें बनाई। पहले सभी 33 केवी फीडर्स को सेक्शनलाइज कर अधिकतम क्षेत्र में चालू किया गया। उसके बाद फाल्ट दुरुस्त कर शेष लाइन भी चालू की गई। सभी जोन में डीओ यूज, एलटी यूज बनाने के लिए अतिरिक्त गैंग बनाकर मेटेंनेस किया गया।
यूज ऑफ कॉल ठेकेदार से अतिरिक्त गैंग लेकर सीमित समय सीमा में ठीक कर लिया गया। विभिन्न जोन के सहायक यंत्रियों, कनिष्ठ यंत्रियों द्वारा भी अपने साथ तकनीकी कर्मचारी को लेकर अलग-अलग लाइनों में विद्युत व्यवधान को दूर किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस सीजन की यह सबसे भयानक आंधी थी। बिजली व्यवस्था इसी वजह से गड़बड़ा गई। बिजली कंपनी को भारी क्षति भी हुई। लोगों को परेशानी हुई पर यह अच्छा हुआ कि कहीं से किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं घटी।
लोग सहयोग करें: खंडेलवाल
सीएसपीडीसीएल दुर्ग रीजन के मुय अभियंता संजय खंडेलवाल ने जनता से अपील की है कि ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के समय धैर्य रखें और बिजली कर्मियों को सहयोग दें। क्योंकि सुधार और आपूर्ति बहाली का कार्य श्रम से ही संभव हुआ।