पत्र में उल्लेख किया गया कि फुले फिल्म में महिलाओं की शिक्षा, बाल विवाह का विरोध, विधवा पुनर्विवाह, दलित उत्थान और सामाजिक सुधार जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों को दिखाया गया है। यह फिल्म महात्मा फुले और माता सावित्रीबाई के प्रेरणादायक जीवन को उजागर करती है, जो ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और समाज के सभी वर्गों को जागरूक करने वाली भी है।
टैक्स फ्री आम जनता के लिए जरुरी
ऐसे में इस फिल्म को टैक्स फ्री कर प्रदेश की आम जनता तक इसकी पहुंच बनाना जरूरी है। पत्र में यह भी मांग की गई कि महात्मा ज्योतिबा फुले और माता सावित्रीबाई फुले की संयुक्त प्रतिमा सभी सरकारी और निजी स्कूलों व कॉलेजों में स्थापित की जाए। इसके साथ ही यह फिल्म प्रदेश के स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थलों पर दिखाई जाए ताकि छात्र-छात्राएं और आमजन उनके संघर्षों और योगदान से परिचित हो सकें।
सामाजिक बदलाव ला सकती है फिल्म
पत्र में कहा गया कि इस प्रकार की फिल्में समाज में सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाती हैं और यह फिल्म भी सामाजिक बदलाव का माध्यम बन सकती है। इस अवसर पर प्रजा बुद्ध विहार के संचालक रामदास पाटिल, महार समाज संगठन जिला बैतूल के सूरज मंडलेकर, जनकल्याण समिति अध्यक्ष बैतूल मोहन जोंजारे, धर्मदास दवडे, दिनेश भावरकर, तुकाराम लोखंडे, मधु पाटिल, दिनेश मानकर, योगेंद्र दवंडे और महेंद्र खोबरागड़े उपस्थित थे।