रायपुर के एक बच्चे की मोबाइल के प्रति जिद
सोशल मीडिया पर वायरल होते ही जिला शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों में मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए एक नया आदेश जारी किया है। बता दें कि जिले के 3295 बच्चों की नेत्र जांच में 665 बच्चों में दृष्टि दोष मिले हैं। स्कूलों में चश्मा पहनने वाले बच्चों की संख्या भी पहले से बढ़ी है।
मोबाइल का बच्चों पर नकारात्मक असर मोबाइल में छात्रों की कक्षाओं का ग्रुप बनाकर होमवर्क दिया जाता है। कई बार कक्षाओं के ग्रुप बनाकर विषय की जानकारी भी मोबाइल पर ही दी जाती है। जिसके कारण बच्चे मोबाइल के आदी हो रहे हैं। बच्चे मोबाइल लेते हैं और हर तरह का कंटेंट उनके हाथों में होता है।
डॉ. रेशु मल्होत्रा, एसोसिएट प्रोफेसर नेत्र, नेहरू मेडिकल कॉलेज, रायपुर मोबाइल के कम उपयोग से छात्रों की आंखों को कई फायदे होंगे। स्क्रीन टाइम कम होने से आंखों का सूखापन व जलन कम होगी। दरअसल बच्चे जब मोबाइल में व्यस्त होते हैं तो पलके नहीं झपकाते। इससे आंखों की नमी कम हो जाती है। ड्रायनेस की समस्या बढ़ जाती है। आंखों की रोशनी पर नकारात्मक प्रभाव नहीं होगा। मायोपिया जैसे रोग नहीं होंगे।
बच्चों में मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है। पालकों की भी शिकायतें मिल रही थी। इसी वजह से मोबाइल पर होमवर्क देने पर रोक लगाई गई है।-कमल कपूर बंजारे, डीईओ बेमेतरा