जानकारी हो कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जिले में छत्तीसगढ़ राज्य विपणन बोर्ड द्वारा मंडी बोर्ड निधि से विभिन्न निर्माण कराए जा रहे थे। मंडी समिति द्वारा किसान भवन व सामुदायिक किसान भवन का निर्माण कराना था। जिले में ठेका देने के बाद आज तीन साल से अधिक समय बीत चुका है पर 4 करोड़ 57 लाख रुपयों का काम आज भी अधूरा है। जिले के अंदर बनाए जाने वाले किसान भवन का निर्माण सबसे अधिक समय से लंबित है। किसान सामुदायिक केन्द्र का निर्माण भी पूर्ण नहीं हुआ है।
CG News: भवन नहीं बना इसलिए नहीं रूक पाते
जिले में जहां पर भी
किसान कुटीर का निर्माण किया गया है। वहां पर किसान की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। रात या बारिश होेने की स्थिति में किसान कुटीर में रूक सकते हैं। साथ ही सेवा सहकारी समिति का संचालन भी भवन में हो रहा है। फिलहाल जहां पर किसान कुटीर भवन का निर्माण नहीं हुआ है। उस गांव के किसान इस तरह की सुविधाआें से दूर हो गए हैं। वही सामुदायिक भवन का उपयोग किसान अपनी सुविधा के अनुसार आयोजन के लिए कर सकते हैं।
ग्राम खाती में 25 लाख से अधिक की लागत से किसान सामुदायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण अपूर्ण है। खाती ग्राम पंचायत के उपसरंपच नेमीचंद साहू ने बताया कि भवन निर्माण को पूर्ण करने के लिए कई आवेदन दे चुके हैं पर निर्माण पूर्ण नहीं हुआ है।
नया ठेका देने पर बढ़ जाएगी लागत इसलिए लगा रहे पेनल्टी
मंडी समिति द्वारा चिन्हित किए गए 34 कार्य के लिए अनुमानित तौर पर 4 करोड़ 14 लाख खर्च होने का अनुमान लगाया था पर जब ठेका दिया तो निविदा दर 4 करोड़ 57 लाख की तय हुई थी। अगर अधूरे काम का रिटेन्डर किया जाता है तो योजना की लागत बढ़ने की आशंका है। इसलिए संबंधित ठेकेदारों पर 6 फीसदी पेनल्टी लगाकर नोटिस दिया जाएगा। सहकारी समिति वाले गांव में किसानों की सुविधा के लिए 10 लाख 45 हजार की लागत से एक किसान भवन का निर्माण किया जाना था। इसी तरह किसान सामुदायिक भवन के लिए 27 लाख से 31 लाख का बजट स्वीकृत हुआ था। जिले के ग्राम रानों, कारेसरा, जानो, हरदास,, भटगांव, गाड़ाडीह, सोनडोंगरी, बोरतरा, देवकर, लुक, सिंधनपुर, कारेसरा यादवपारा, अकोला, सौरी, अगरी, तेंदो, डंगनिया, पतोरा, सौरी , बिरनपुर, चोरभटठी, मोहतरा, सेमरिया में भवन का निर्माण अधूरा है। इसके अलावा ग्राम खाती में सामुदायिक भवन, बोरतरा में किसान सामुदायिक भवन, ओडिया में किसान सामुुदयिक भवन का निर्माण होना है, जिसके निर्माण के लिए साजा, दुर्ग, देवकर, बिरनपुर, रायपुर, बेमेतरा, लोरमी के फर्म को ठेका दिए गए थे।
प्रारंभ नहीं हुए कार्य को निरस्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया
मंडी समिति के सहायक अभियंता परवेज बेग ने बताया कि काम नहीं कर पाने की वजह से सजेस स्कूल साजा का ठेका निरस्त किया गया है। इसी तरह कुछ काम का प्रस्ताव निरस्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। फिलहाल देवकर, लुक समेत करीब 5 स्थानों पर काम जारी है।