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बाड़मेर

बॉर्डर पर दम तोड़ रही सरकारी योजनाएं: बिजली पहुंची ना पानी मिला

बॉर्डर के दूरस्थ इलाकों में केंद्र सरकार की योजनाएं दम तोड़ रही हैं। यहां न तो जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से पानी पहुंच पाया है और न ही बिजली की कई योजनाएं वंचित ढाणियों में विद्युत कनेक्शन जोड़ पाई हैं। आजादी के 75 साल बाद भी बाड़मेर जिले की 30 हजार ढाणियां अंधेरे में हैं। ऐसे में दूरस्थ के बाशिंदों को बिजली व पानी के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है।

बाड़मेरJul 05, 2025 / 08:49 pm

Dilip dave

नल लगे पर पानी नहीं पहुंचा

जल जीवन मिशन के तहत भारत-पाक बॉर्डर के गांवों में पानी को लेकर जलदाय विभाग ने नल लगाए दिए, लेकिन उनमें पानी नहीं पहुंच रहा है। रामसर-शिव के लिए 2013 में 261 गांवों में तक पानी पहुंचाने की योजना बनी थी। योजना के तहत वर्ष 2017 में काम पूरा होना था, लेकिन वह काम आज भी चल रहा है। यहां विभाग ने करीब 100 गांवों को हर घर में नल से जोड़ दिया गया है, लेकिन तकनीकी खामियां इतनी रह गई हैं कि इन गांवों में नल से पानी नहीं पहुंच रहा है। बाड़मेर जिले में जल जीवन मिशन के तहत 2 लाख 60 हजार 333 ढाणियों तक हर घर नल से जोड़ना है। इसमें विभागीय प्रोजेक्ट के तहत 11 अगस्त 2019 तक 6241 घरों तक पानी पहुंचा दिया गया था। इसके बाद मिशन के तहत महज 56 हजार 450 घरों के ही कनेक्शन हुए हैं। इसमें भी 40 फीसदी घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है।
जेजेएम : महज 20% काम, 80% अधूरा

जल जीवन मिशन के तहत बाड़मेर जिले के 1642 गांवों में हर घर नल से पानी पहुंचाने का प्रोजेक्ट स्वीकृत है। काम शुरू हुए करीब सात साल बीत गए हैं। इसमें सरकार ने अलग-अलग 8 परियोजनाओं में 4494.76 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी कर टेंडर किए गए हैं। बाड़मेर में अब तक महज 263 करोड़ रुपए खर्च कर 56 हजार घरों तक नल कनेक्शन हुए हैं। ऐसी स्थिति में महज 20 फीसदी ही काम पूरा हुआ है।
बिजली : आज भी 30 हजार ढाणियों में अंधेरा

बिजली कनेक्शन के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं, लेकिन बाड़मेर में दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत कनेक्शन आज भी अधूरे हैं। यह योजना वर्ष 2019 में खत्म हो चुकी थी। इसके बावजूद विभाग ने पांच साल काम को खींचा और आज भी 238 ढाणियों के कनेक्शन प्रगतिरत हैं। इसके अलावा 30,468 ढाणियां तो अंधेरे में ही हैं। इसके लिए डिस्कॉम ने योजना बनाई और 186 करोड़ की डीपीआर बनाकर 30 सितंबर 2024 को केंद्र सरकार को भेज दी गई है, लेकिन 9 माह बीतने के बावजूद स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
स्वीकृति नहीं मिली है

वर्ष 2019 में योजना की स्वीकृति मिली थी। उसका काम अभी अधूरा है। अब 268 कनेक्शन शेष हैं। इसके अलावा 30 हजार ढाणियों में बिजली कनेक्शन के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा हुआ है। टेंडर होने के बाद काम शुरू होगा। – दुर्गाराम, अधिशासी अभियंता, जोधपुर डिस्कॉम, बाड़मेर

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