Rajasthan News: राजस्थान में आखिरकार कब होगा तृतीय श्रेणी शिक्षकों का प्रमोशन?
सत्र 2020-21 से तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नति का मामला एडिशनल विषयों में डिग्री धारक शिक्षकों को अपात्र मानने के कारण हाईकोर्ट में प्रक्रियाधीन चल रहा है।
दिलीप दवे राजस्थान में व्याख्याता, वाइस प्रिंसिपल, प्रिंसिपल की पदोन्नति तो हो रही है, लेकिन तृतीय श्रेणी शिक्षक पांच साल से वरिष्ठ अध्यापक बनने की बाट जोह रहे हैं। तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी वरिष्ठ अध्यापक पदों पर पदोन्नति सत्र 2020-21 से नहीं हुई है। इधर वरिष्ठ अध्यापकों के व्याख्याता बनने से वरिष्ठ अध्यापक के पद रिक्त हो रहे हैं। हालांकि तृतीय श्रेणी अध्यापक डीपीसी का मामला न्यायालय में प्रक्रियाधीन है।
सरकारी विद्यालयों में पदरिक्तता की समस्या हल नहीं हो रही। राजकीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठ अध्यापकों की कमी हो गई है। हाल ही सपन्न दो सत्रों की वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पदोन्नति से 10500 वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति हुई, जिसके कारण वरिष्ठ अध्यापकों के रिक्त पदों की संख्या में इजाफा हो गया है। प्रदेश में करीब 42 हजार वरिष्ठ अध्यापक पद रिक्त चल रहे हैं।
मामला न्यायालय में प्रकियाधीन
सत्र 2020-21 से तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नति का मामला एडिशनल विषयों में डिग्री धारक शिक्षकों को अपात्र मानने के कारण हाईकोर्ट में प्रक्रियाधीन चल रहा है। हाईकोर्ट से पदोन्नति पर स्टे के चलते बकाया पदोन्नतियों समय पर सपन्न नहीं हो पा रही है।
पदोन्नति से खुल सकता है सीधी भर्ती का रास्ता
तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक पदोन्नति होने से रिक्त होने वाले पदों को सीधी भर्ती से भरा जाता है। यदि वरिष्ठ अध्यापक पदोन्नति हो जाए तो रिक्त होने वाले पदों के कारण शिक्षक भर्ती के पदों की संख्या भी बढ़ सकती है। बता दें कि प्रदेश में वरिष्ठ अध्यापक के कुल 109542 पर स्वीकृत हैं। इसमें से 77349 पदों पर शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं 32193 पद रिक्त हैं। 10500 व्याख्याता का डीपीसी के जरिए चयनित हैं। ऐसे में कुल रिक्त पदों की संख्या 42693 हो जाती है।
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5 सत्र से बकाया है डीपीसी
तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की पिछले 5 सत्र से पदोन्नति बकाया चल रही है। सत्र 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 व 2024-25 इन सत्रों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के प्रमोशन अटके हुए हैं।
तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक पदों पर पिछले 5 सत्र से बकाया चल रही डीपीसी होने से पदोन्नति का इंतजार कर रहे शिक्षकों को फायदा मिलेगा। इसके साथ ही वरिष्ठ अध्यापकों के रिक्त पदों की संख्या में कमी आएगी, जिसके कारण माध्यमिक कक्षाओं में विषयों का अध्यापन हो सकेगा। डीपीसी से अध्यापकों के रिक्त होने वाले पदों को आगामी शिक्षक भर्ती से भरा जाएगा। इसमें पदों की संख्या बढ़ने के कारण रीट उत्तीर्ण बेरोजगारों के लिए शिक्षक भर्ती में चयनित होने का मौका मिलेगा।
बसन्त कुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा