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बाड़मेर

जोजरी नदी बचाओ आंदोलन: हनुमान बेनीवाल ने क्यों खोला मोर्चा? क्या है इलाके के लोगों की समस्याएं? जानें

Save Jojri River Movement: राजस्थान के बालोतरा जिले के डोली गांव से शुरू हुआ जोजरी नदी बचाओ आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है।

बाड़मेरAug 19, 2025 / 07:03 pm

Nirmal Pareek

Hanuman Beniwal

फोटो- एक्स हैंडल

Save Jojri River Movement: राजस्थान के बालोतरा जिले के डोली गांव से शुरू हुआ जोजरी नदी बचाओ आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। बीते रविवार को हजारों की भीड़ के साथ शुरू हुआ यह विरोध-प्रदर्शन अब पूरे प्रदेश में प्रदूषण और गंदे पानी के खिलाफ एक आंदोलन बन चुका है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में इस आंदोलन ने जिला प्रशासन को नींद से जगा दिया है।
इस आंदोलन के दौरान हनुमान बेनीवाल का कई गांवों के किसानों और युवाओं ने अनोखे अंदाज में स्वागत किया, जिसमें जेसीबी से उन पर फूलों की वर्षा की गई।

60-70 गांवों में प्रदूषण का कहर

बता दें, बेनीवाल ने डोली में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जोधपुर और पाली की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला जहरीला रासायनिक पानी पिछले डेढ़-दो दशकों से जोजरी नदी को प्रदूषित कर रहा है। इससे डोली, अराबा, कल्याणपुर सहित 60-70 गांवों में तबाही मची है। खेत बंजर हो गए हैं, पेयजल दूषित हो चुका है, और मच्छरों व बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए कहा कि रिवर फ्रंट जैसे बड़े-बड़े वादे किए गए, लेकिन जमीनी हकीकत जस की तस है। बेनीवाल ने चेतावनी दी कि जब तक जोजरी नदी में बह रहे प्रदूषित पानी का स्थायी समाधान नहीं निकलता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने इसे आर-पार की लड़ाई करार देते हुए कहा कि अगर सरकार ने लिखित में मांगें स्वीकार नहीं कीं, तो आंदोलन और तेज होगा।

आंदोलनकारियों की क्या है मांगें?

जोजरी नदी बचाओ आंदोलन के तहत रालोपा प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन के साथ करीब आधे घंटे की चर्चा की और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। चर्चा में तीन प्रमुख बिंदुओं पर सहमति बनी- पहला, जोधपुर से आ रहे गंदे पानी की सप्लाई तत्काल बंद की जाएगी। दूसरा, स्थायी समाधान के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होगी। तीसरा, गंदे पानी की आवक पर तुरंत रोक लगाकर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
बेनीवाल ने स्पष्ट किया कि आंदोलन तब तक चरणबद्ध तरीके से चलता रहेगा, जब तक प्रभावित गांवों को प्रदूषित पानी से पूरी तरह मुक्ति नहीं मिल जाती।

यहां देखें वीडियो-


नदी का अस्तित्व खतरे में?

इस दौरान बेनीवाल ने कहा कि जोजरी नदी में पिछले डेढ़ दशक से औद्योगिक अपशिष्ट डाला जा रहा है और पिछले तीन-चार सालों में यह समस्या और गंभीर हो गई है। उन्होंने लोकसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि जोजरी के साथ-साथ बांडी और लूणी नदी की स्थिति भी चिंताजनक है। हम यहां राजनीति करने नहीं, बल्कि जोजरी को बचाने आए हैं।
बनेवाल ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग आंख मूंदे हुए हैं, अब जनता को जागना होगा। उन्होंने कहा कि जोजरी, लूणी नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है, और इसका अस्तित्व बचाना जरूरी है, वरना नदियां इतिहास बनकर रह जाएंगी।

प्रदूषण से क्षेत्र में बिगड़ते हालात

गौरतलब है कि जोधपुर और पाली की फैक्ट्रियों से निकलने वाला प्रदूषित पानी बालोतरा जिले के डोली, अराबा, और कल्याणपुर जैसे गांवों में भारी तबाही मचा रहा है। स्थानीय लोग लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे हैं। खेत सूख रहे हैं, जमीन बंजर हो रही है, मवेशी मर रहे हैं, और लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। जोजरी बचाओ महारैली में उमड़ी भीड़ ने इस मुद्दे की गंभीरता को उजागर किया है।

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