scriptरामदेवरा नेत्र कुंभ 2025: प्रदेश में पहली बार अनूठा आयोजन, 33 दिन में 1.25 लाख लोगों की आंखों की होगी जांच, 11 हजार मरीजों का होगा ऑपरेशन | Ramdevra Netra Kumbh 2025: Unique event for the first time in the state, eyes of 1.25 lakh people will be examined in 33 days, 11 thousand patients will be operated | Patrika News
बाड़मेर

रामदेवरा नेत्र कुंभ 2025: प्रदेश में पहली बार अनूठा आयोजन, 33 दिन में 1.25 लाख लोगों की आंखों की होगी जांच, 11 हजार मरीजों का होगा ऑपरेशन

— देशभर से आए 100 से अधिक नेत्र विशेषज्ञ और तकनीशियन कर रहे आंखों की जांच
— मौके पर ही चश्मे बनाकर मरीजों को दिए जा रहें हैं, नेत्र कुंभ 2 सितंबर तक चलेगा

बाड़मेरAug 18, 2025 / 01:46 pm

योगेंद्र Sen

रामदेवरा नेत्र कुंभ में बच्ची की आंखों की जांच करते विशेषज्ञ।

योगेंद्र सेन

बाड़मेर. रामदेवरा मेले में पहली बार श्रद्धालुओं को सिर्फ आस्था का ही नहीं, बल्कि दृष्टि का भी उजाला मिल रहा है। हजारों लोग जो अब तक धुंधली निगाहों से जिंदगी देख रहे थे, उनके लिए यह मेला उम्मीद की नई किरण लेकर आया है। रामदेवरा मेले में चल रहे नि:शुल्क ‘नेत्र कुंभ-2025’ में अब तक 34559 लोगों का पंजीयन हुआ, जिसमें 33871 लोगों की नेत्र जांच की गई। 28407 लोगों को चश्मे बांटे गए और 26471 लोगों को दवा दी गई।
देशभर से आए 100 से अधिक नेत्र विशेषज्ञ और तकनीशियन यहां न केवल आंखों की जांच कर रहे हैं, बल्कि मौके पर ही चश्मे बनाकर बांट रहे हैं। खास बात यह है कि गरीब, किसान, श्रमिक और महिलाएं जो एक साधारण चश्मे का खर्च नहीं उठा सकते, उन्हें यह सुविधा मुफ्त मिल रही है। समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) संगठन की ओर से चलाया जा रहा यह नेत्र कुंभ 2 सितंबर तक चलेगा। इन 33 दिन के दौरान 1.25 लाख लोगों की आंखों की जांच, 1.10 लाख को चश्मों का वितरण और 11 हजार लोगों की आंखों के ऑपरेशन का लक्ष्य रखा गया है।
30 मिनट में पूरी जांच प्रक्रिया
आयोजन की स्वागत समिति के संयोजक डॉ. अशोक सिंह सोलंकी ने बताया कि मरीजों की जांच और उपचार की प्रक्रिया बेहद व्यवस्थित है। प्रवेश और पंजीकरण से लेकर स्क्रीनिंग, रिफ्लेक्शन, डॉक्टर परामर्श, फार्मेसी, रेफरल और चश्मा वितरण तक पूरा क्रम लगभग 30 मिनट में पूरा हो जाता है।
तीनों पैथी से इलाज
यहां आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और एलोपैथिक चिकित्सा केंद्र लगाए गए हैं, ताकि आंखों के साथ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का भी निःशुल्क उपचार किया जा सके।

‘वीरमदेव’ चश्मा घर
चश्मा वितरण को सुगम बनाने के लिए ए, बी, सी, डी जैसे ब्लॉक बनाए गए हैं, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और समय की बचत हो। यहां अत्याधुनिक लेंस कटिंग मशीनों से, मरीजों की जांच के तुरंत बाद डॉक्टर के सुझाए गए नंबर के अनुसार चश्मा तैयार कर दिया जा रहा है। विशेष परिस्थितियों में, हाई पावर लेंस वाले चश्मे बेंगलुरु से मंगवाकर दिए जा रहे हैं। चश्मा घर में 50 सदस्यों की एक समर्पित टीम लगातार सेवा में लगी हुई है।
क्यों चुना गया रामदेवरा मेला
नेत्र कुंभ के मीडिया प्रभारी विजय अगवाल ने बताया कि इस बार मेले में 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। इनमें राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात समेत वनवासी समाज, किसान और श्रमिक बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। इसी बड़े जनसमूह को ध्यान में रखते हुए यहां नेत्र महाकुंभ लगाया गया है।
घर बैठे गंगा आई…
नेत्र कुंभ में मेरी आंखों की अच्छी तरह से जांच के बाद मुझे निःशुल्क चश्मा दिया गया। आंखों में जो धुंधलापन दिखता था, वो अब चश्मा मिलने से राहत मिल गई। मेरे लिए घर बैठे गंगा आई जैसी बात है।
-सदीक खान, ब्रजपुरा, रामदेवरा निवासी
पहली बार 2019 में प्रयागराज में शुरू हुआ नेत्र कुंभ
1- 2019 प्रयागराज : 2,02,020 लोगों की जांच, 1,55,210 को चश्मे वितरित, 374 नेत्र विशेषज्ञों ने सेवाएं दी, 55 दिन शिविर
2- 2021 हरिद्वार : 48,745 लोगों की जांच, 38,085 चश्मे वितरित, 120 नेत्र विशेषज्ञों ने सेवाएं दी, 45 दिन शिविर।
3- 2025 प्रयागराज : 2,37,964 लोगों की जांच, 1,63,652 चश्मे वितरित, 343 नेत्र विशेषज्ञों ने सेवाएं दी, 53 दिन शिविर।

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