सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार ने माना है कि सुरक्षा में चूक हुई है। सुरक्षा एंजेसियों को इनपुट मिले थे। उसके बाद सतर्कता बरतनी चाहिए थी, लेकिन उनसे चूक हुई है। धर्म पूछकर ऐसा किया है तो गलत है। इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि धर्म पूछकर या जाति पूछकर गोली मारी है या मोदी को बता देना। इस टाइप का कोई पुख्ता सबूत किसी के पास नहीं है। प्रचार-प्रसार अलग तरीके से हो रहा है। यह नहीं होना चाहिए। यह बहुत ही चिंताजनक विषय है।
कायराना हमले से लोगों में असंतोष- सांसद
सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि निहत्थे और निर्दोष लोगों पर कायराना हमला किया गया। इससे पूरे देश में अंसतोष था। सीजफायर की मध्यस्थता तीसरे देश अमेरिका की ओर से करना लोगों को पसंद नहीं आया। 1971 युद्ध में अमेरिका ने धमकी दी थी, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी किसी के दबाव में नहीं आई। वे उस समय अमेरिका के सामने नहीं झुकी थी।
26 निहत्थे लोगों पर चलाई थी गोलियां
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने निहत्थे 26 पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया था। इन पर्यटकों में कानपुर के कारोबारी शुभम द्विवेदी भी शामिल थे। जो कि शादी के बाद पत्नी आशन्या के साथ कश्मीर में हनीमून मनाने गए थे। उनकी पत्नी आशन्या ने बताया कि आतंकियों ने गोली मारने से पहले पूछा था कि ‘वह हिंदू है या मुसलमान’। जैसे ही शुभम ने अपना धर्म बताया उन्हें गोली मार दी।