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बरेली में ट्रैफिक पुलिस की मनमानी, बिना स्पीड लिमिट बोर्ड के काटे जा रहे चालान

बरेली में ट्रैफिक नियमों को लेकर पुलिस की सख्ती अब आम जनता के लिए मुसीबत बनती जा रही है। शहर में बिना स्पष्ट स्पीड लिमिट बोर्ड लगाए ही वाहनों के चालान काटे जा रहे हैं, जिससे लोगों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है।

कई वाहन चालकों को तब पता चलता है कि उनका चालान काटा गया है जब मोबाइल पर ई-चालान का मैसेज आता है। इसके बाद वे मजबूरी में ट्रैफिक पुलिस कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर होते हैं।

बरेलीMay 22, 2025 / 10:52 am

Avanish Pandey

बरेली में बिना स्पीड लिमिट बोर्ड के काटे जा रहे चालान
(फोटो सोर्स : पत्रिका)

बरेली। बरेली में ट्रैफिक नियमों को लेकर पुलिस की सख्ती अब आम जनता के लिए मुसीबत बनती जा रही है। शहर में बिना स्पष्ट स्पीड लिमिट बोर्ड लगाए ही वाहनों के चालान काटे जा रहे हैं, जिससे लोगों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है।
कई वाहन चालकों को तब पता चलता है कि उनका चालान काटा गया है जब मोबाइल पर ई-चालान का मैसेज आता है। इसके बाद वे मजबूरी में ट्रैफिक पुलिस कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर होते हैं।

स्पीड लिमिट की जानकारी नहीं, फिर भी कार्रवाई तेज

जिला ट्रैफिक पुलिस इन दिनों तेज रफ्तार से वाहन चलाने वालों के खिलाफ अभियान चला रही है। लेकिन शहर की सड़कों पर स्पीड लिमिट की जानकारी देने वाले बोर्ड या संकेतक दुर्लभ हैं। न ही ट्रैफिक विभाग ने और न ही सड़क निर्माण या रखरखाव से जुड़े विभागों ने इन साइनबोर्ड्स की व्यवस्था की है।
शाहजहांपुर रोड स्थित इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी के पास सिर्फ ऑटो और दोपहिया वाहनों के लिए स्पीड लिमिट का बोर्ड लगाया गया है, लेकिन कार चालकों के लिए कोई स्पष्ट सीमा निर्धारित नहीं की गई है। बावजूद इसके, कार चालकों के चालान नियमित रूप से किए जा रहे हैं।

चंद जगहों पर बोर्ड, बाकी शहर बेहाल

पीलीभीत बाईपास, शाहजहांपुर रोड, और नैनीताल रोड जैसे प्रमुख मार्गों पर भी गिनती के स्थानों पर ही स्पीड लिमिट के बोर्ड लगाए गए हैं। बाकी हिस्सों में स्थिति स्पष्ट नहीं है। ऐसे में लोगों को नहीं पता होता कि वे किस स्पीड में वाहन चला रहे हैं और कौन सी सीमा पार करने पर उन पर कार्रवाई होगी।
पुलिस ओवरस्पीडिंग पर इंटरसेप्टर वाहनों की मदद से कार्रवाई कर रही है। अधिकारियों के अनुसार, 40 किमी प्रति घंटा से अधिक गति वाले वाहनों पर जुर्माना लगाया जा रहा है।

स्पीड लिमिट बोर्ड लगाने की जिम्मेदारी किसकी

विशेषज्ञों के अनुसार, नगर क्षेत्र में स्पीड लिमिट बोर्ड लगाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है, जबकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर यह कार्य एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) को सौंपा गया है। ग्रामीण मार्गों पर यह काम लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधीन आता है।
लेकिन जिम्मेदार विभागों की लापरवाही और ट्रैफिक पुलिस की मनमानी से आम लोग न केवल जुर्माना भरने को मजबूर हैं, बल्कि वे इसे अन्यायपूर्ण भी मान रहे हैं।

एसपी ट्रैफिक का बयान

एसपी ट्रैफिक अकमल खान ने बताया कि हमारा उद्देश्य केवल ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करना है, किसी को परेशान करना नहीं। ओवरस्पीडिंग सड़क दुर्घटनाओं की एक बड़ी वजह है, इसलिए कार्रवाई जरूरी है। जहां तक स्पीड लिमिट बोर्ड की बात है, तो ज्यादातर जगहों पर बोर्ड लगे हैं। जहां नहीं हैं वहां हमारी कोशिश है कि शहर भर में उचित स्थानों पर स्पीड लिमिट बोर्ड लगाए जाएं ताकि जनता को पहले से जानकारी रहे।

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