मोहल्ला शहदाना निवासी महिला अपनी बेटी और दो भतीजियों के साथ शाम चार बजे शाहदाना मजार पर गई थीं। कुछ देर बाद तीनों ने कहा कि वह घर जाएं, वे पीछे से आ जाएंगी। लेकिन रात 8 बजे तक जब तीनों नहीं लौटीं तो परिजन परेशान हो उठे। मोबाइल भी बंद मिला। इधर-उधर तलाशने के बाद जब कुछ पता नहीं चला तो थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
तीनों बच्चियों के एक साथ लापता होने की खबर पर पुलिस भी चौकन्नी हो गई। एसएसपी अनुराग आर्य ने तुरंत सर्विलांस और बारादरी पुलिस की संयुक्त टीम बनाई। मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। सुराग मिलने के बाद टीम ने मुरादाबाद रेलवे स्टेशन के पास बच्चियों को बैठा पाया।
बरामदगी के बाद जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि घरवाले अक्सर छोटी-छोटी बातों पर टोका-टाकी करते थे और उन्हें घूमने-फिरने की इजाजत नहीं देते थे। इसी से परेशान होकर उन्होंने तय किया था कि दिल्ली जाकर काम करेंगे और मनमर्जी से जीवन बिताएंगे। लेकिन मुरादाबाद पहुंचते ही डर लगने लगा और मोबाइल भी बंद हो गया। तभी पुलिस और परिजन उन्हें ढूंढते हुए वहां पहुंच गए।
इस टीम में बारादरी इंस्पेक्टर धनंजय पांडे, प्रभारी सर्विलांस सेल सत्येंद्र मोतला, श्यामगंज चौकी प्रभारी अखिलेश उपाध्याय, हेड कांस्टेबल देवेंद्र सिंह और महिला कांस्टेबल प्रसून पटेल शामिल रहीं।