हरस्वरूप सोमवार सुबह करीब 10 बजे अपनी भाभी और बेटे विजय के साथ खेत में खाद डालने गए थे। खाद पहुंचाने के बाद भाभी और बेटा लौट आए, लेकिन गप्पे वहीं रुक गए। देर शाम तक उनके घर न लौटने पर परिजन खेत पहुंचे तो वहां खाद की बोरियां और चप्पलें पड़ी मिलीं, लेकिन गप्पे का कुछ पता नहीं चला।
परिजनों ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
रात 9 बजे तक तलाश के बाद भी सुराग नहीं मिलने पर परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। मंगलवार सुबह ग्रामीणों ने बाबा कैलाशगिरी मणि मार्ग के किनारे एक पानी भरे गड्ढे में शव देखा और पुलिस को सूचना दी। सूचना पर कोतवाल जगत सिंह फोर्स और फॉरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जांच के बाद शव को पानी से बाहर निकाला गया। शव की हालत देखकर स्पष्ट हुआ कि शरीर पर कोई गहरी चोट नहीं थी, हालांकि चेहरे पर हल्की खरोंचें थीं, जो संभवतः किसी जंगली जानवर के कारण हुईं।
जांच में जुटी पुलिस, पोस्टमार्टम से हो खुलासा
इंस्पेक्टर जगत सिंह ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के असली कारण का खुलासा होगा। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। हरस्वरूप की मौत की खबर मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।