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परचम कुशाई की रस्म के साथ 107वें उर्स-ए-रजवी का आगाज, रजा-रजा गूंज उठा शहर

आला हज़रत फ़ाज़िले बरेलवी के 107वें उर्स-ए-रज़वी की शुरुआत सोमवार शाम परचम कुशाई की रस्म के साथ हो गई। जैसे ही दरगाह-ए-आला हज़रत पर रज़वी परचम लहराया, फ़िज़ा नारे तकबीर और मसलक-ए-आला हज़रत जिंदाबाद के नारों से गूंज उठी।

बरेलीAug 18, 2025 / 07:26 pm

Avanish Pandey

परचम कुशाई की रस्म अदा (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। आला हज़रत फ़ाज़िले बरेलवी के 107वें उर्स-ए-रज़वी की शुरुआत सोमवार शाम परचम कुशाई की रस्म के साथ हो गई। जैसे ही दरगाह-ए-आला हज़रत पर रज़वी परचम लहराया, फ़िज़ा नारे तकबीर और मसलक-ए-आला हज़रत जिंदाबाद के नारों से गूंज उठी।

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इस मौके पर दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती, सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) की सदारत और सय्यद आसिफ़ मियां की देखरेख में उर्स की सभी रस्में अदा की जा रही हैं। परचमी जुलूस रिवायती रास्तों से होते हुए दरगाह पहुंचा और सलामी देने के बाद इस्लामिया मैदान लौट आया।

देर रात तक जारी रहेगा नातिया मुशायरा

सोमवार रात 9 बजे से महफ़िल-ए-मिलाद का आयोजन होगा, जिसमें हाजी गुलाम सुब्हानी और आसिम नूरी समेत अन्य कलाम पेश करेंगे। रात 10:35 बजे हुज्जतुल इस्लाम मुफ़्ती हामिद रज़ा खान (हामिद मियां) के कुल शरीफ़ की रस्म अदा की जाएगी। वहीं सज्जादानशीन अहसन मियां की सदारत में देर रात तक नातिया मुशायरा चलेगा। इसमें मुफ़्ती आक़िल रज़वी, मुफ़्ती जमील, मुफ़्ती सलीम नूरी, मुफ़्ती कफ़ील हाशमी, मुफ़्ती मोइनुद्दीन, मौलाना डॉक्टर एजाज़ अंजुम समेत कई नामी उलेमा व शायरों ने कलाम पेश करेंगे।

आज और कल का कार्यक्रम

19 अगस्त मंगलवार सुबह फ़ज्र की नमाज़ के बाद कुरानख़्वानी और सुबह 9:58 बजे रेहाने मिल्लत और 10:30 बजे मुफस्सिर-ए-आज़म के कुल शरीफ़ की रस्म होगी। इसके बाद आपसी सौहार्द कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें उलेमा नामूसे रिसालत, मिशन मसलक आला हज़रत, समाज सुधार, हिन्दू-मुस्लिम दूरी कम करने और सामाजिक बुराईयों के ख़ात्मे पर चर्चा करेंगे। रात में दुनियाभर के मशहूर उलेमा की तक़रीर होगी और रात 1:40 बजे मुफ़्ती-ए-आज़म-ए-हिंद के कुल शरीफ़ की रस्म अदा की जाएगी।

देश-विदेश से पहुंचे जायरीन और उलेमा

इस्लामिया मैदान से लेकर दरगाह परिसर तक जायरीन का हुजूम उमड़ा हुआ है। दुबई, साउथ अफ्रीका, मलावी, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और भारत के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु बरेली पहुंचे हैं। वहीं मॉरिशस से मुफ़्ती नदीम मंज़री, मुफ़्ती रियाजुल हसन, मुफ़्ती इमरान, नेपाल से मौलाना फूल मोहम्मद नेमत, साउथ अफ्रीका से मौलाना सलीम खुशतरी, दुबई से हबीब उर रहमान, क़तर से मौलाना शफीक और ओमान से मौलाना सलमान समेत कई देशों से उलेमा बरेली पहुंच चुके हैं।

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