एबीवीपी नेताओं ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन और बाहरी गुंडों की शह पर पुलिस ने छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज किया। आंदोलनरत छात्र केवल अवैध तरीके से चल रहे लॉ कोर्स के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। इस लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हो गए। परिषद ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया।
एबीवीपी ने रखीं चार बड़ी मांगें
-लाठीचार्ज के दोषियों पर केस दर्ज हो – किसके आदेश पर छात्रों पर डंडे बरसाए गए, यह साफ किया जाए और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों व बाहरी हमलावरों पर कठोर कार्रवाई हो।
-अवैध लॉ कोर्स पर रोक – बिना नवीनीकरण और अनुमति के चल रहे विधि पाठ्यक्रम की जांच हो और दोषियों को सजा मिले।
-छात्रों के निष्कासन पर रोक – आंदोलनकारी दो छात्रों को बिना नोटिस निष्कासित करना अवैध है, इसे तुरंत रद्द किया जाए।
-जमीन कब्जे पर कार्रवाई – यूनिवर्सिटी पर लगभग 6 बीघे सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप, तहसीलदार कोर्ट पहले ही 27.96 लाख जुर्माना ठोक चुका है। अब सरकार कब्जा हटवाए।
छात्रों के साथ नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं
महानगर मंत्री आनंद कठेरिया ने कहा कि सरकार को अब यह साफ करना होगा कि छात्रों पर डंडे चलवाने के पीछे कौन जिम्मेदार है। वहीं विभाग संगठन मंत्री अवनी यादव ने दो टूक कहा कि 48 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं हुई तो एबीवीपी प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन छेड़ेगी। ज्ञापन सौंपते वक्त परिषद के कार्यकर्ता भारी संख्या में मौजूद रहे। इनमें श्रेयांश वाजपेई, दीपांशु चौधरी, विपिन शर्मा, निखिल चौधरी, माधव महेश्वरी, नितिन चौधरी, लकी शर्मा, खुशी ठाकुर, अनन्या झा, दीपिका कश्यप, मयंक बाजपेई, युवराज पटेल समेत तमाम कार्यकर्ता शामिल रहे।