बैठक में एटीएमए (कृषि तकनीकी प्रबंध अभिकरण), सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एंड टेक्नोलॉजी, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन और मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के तहत प्रस्तावित कार्ययोजना को मंजूरी दी गई। बैठक में तय हुआ कि किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, फील्ड भ्रमण, प्रदर्शन और उन्नत किस्म के बीज व कृषि उपकरण दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्हें कृषि रक्षा रसायन, सूक्ष्म पोषक तत्व और तिरपाल जैसी उपयोगी सामग्री भी 50 फीसदी अनुदान पर उपलब्ध कराई जाएगी।
सीडीओ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित कृषि विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों का भ्रमण कराया जाए ताकि वे नई तकनीकों से परिचित हो सकें और नवाचार को अपनाएं। उन्होंने कहा कि खेती को सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि लाभ का व्यवसाय बनाना है।
इसमें यह भी निर्णय लिया गया कि वर्ष 2025-26 की वार्षिक कृषि कार्य योजना के तहत धान, गेहूं, ज्वार, बाजरा और दलहन की उन्नत किस्में किसानों को सब्सिडी पर दी जाएंगी। बैठक के अंत में सभी अधिकारियों ने एकजुट होकर जिले के किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने का संकल्प लिया। धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैठक का समापन हुआ।