अब तक जिले के करीब 90 शिवालयों में बेल और कनेर के पौधे लगाए जा चुके हैं। इस अभियान को व्यक्तिगत संकल्प से शुरू करने वाले वृक्षारोपणकर्ता स्थानीय लोगों को भी जोड़ रहे हैं, ताकि पौधों की देखभाल सुनिश्चित हो सके।
वृक्षारोपण अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं ने बताया कि वे पिछले 25 वर्षों से बरेली और आसपास में वृक्षारोपण कर रहे हैं। उनका मानना है कि फलदार वृक्ष पर्याप्त लगाए जा चुके हैं, मगर बेल वृक्षों की संख्या कम है, जबकि बेलपत्र की सालभर पूजा में मांग बनी रहती है। धार्मिक महत्व के साथ-साथ बेल फल औषधीय गुणों से भी भरपूर है। इस वर्ष 600 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। भगवान शिव को प्रिय पीला कनेर भी इस बार विशेष रूप से लगाया जा रहा है। इसका कारण यह है कि एक पेड़ पर सैकड़ों फूल खिलते हैं और पूजा-अर्चना में इनका नियमित उपयोग होता है।
आईएमए सभागार में आयोजित विश्व हरेला महोत्सव परिवार के कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण पर संगोष्ठी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र बनीं। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण और समाज सेवा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले कई व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।