वहीं जब वह बंद कमरे में मुस्लिम नेताओं से मुलाकात करते हैं, तो मुसलमान शब्द का बार-बार इस्तेमाल करते हैं। इससे साबित होता है कि उनके दो चेहरे हैं और ऐसा व्यक्ति किसी भी वर्ग के लिए हितकारी नहीं हो सकता।
अखिलेश पर हमला, मुलायम सिंह की तारीफ में बोले ये शब्द
मौलाना रजवी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव की सपा और अखिलेश यादव की सपा में बड़ा फर्क है। मुलायम सिंह यादव मुसलमानों के सच्चे हितैषी थे। वह जो बात बंद कमरे में कहते थे, वही जनता के सामने भी दोहराते थे। उन्होंने हमेशा मुस्लिम धर्मगुरुओं को सम्मान दिया और उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया। वहीं, अखिलेश यादव मुस्लिम मुद्दों पर चुप्पी साधे रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा अध्यक्ष न तो लोकसभा और न ही विधानसभा में मुस्लिम समाज के मसलों पर कभी खुलकर बोले हैं और न ही उनके समाधान की दिशा में कोई प्रयास किया है।
भाजपा में शामिल होने पर किया पुनर्विचार का संकेत
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव मुस्लिम जनप्रतिनिधियों और धर्मगुरुओं से दूरी बनाकर रखते हैं। उन्हें मुस्लिम समाज के दुःख-दर्द से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए अब मुसलमान उन्हें अपना हमदर्द नहीं मानते। मौलाना रजवी ने भाजपा को लेकर भी अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि मुसलमान भाजपा में इसलिए शामिल नहीं होता क्योंकि पार्टी के कुछ नेता आए दिन मुस्लिम विरोधी बयानबाजी करते हैं। अगर भाजपा ऐसे बयानों पर अंकुश लगाए और मुसलमानों के लिए अपने दरवाजे खोले, तो मुस्लिम समाज भाजपा के साथ जुड़ने पर विचार कर सकता है।
हिंदुत्व की एकपक्षीय सोच से नहीं चलेगा देश
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों को मिला है। इनमें मुसलमान भी शामिल हैं। कई योजनाएं ऐसी हैं जिनकी सराहना अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी हो रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ हिंदुत्ववादी नजरिए से देश नहीं चलाया जा सकता। सभी वर्गों को साथ लेकर चलना ही लोकतंत्र की सच्ची पहचान है।