ठगों ने पहले फोन कॉल कर एक फर्जी लेनदेन का हवाला दिया, फिर दिल्ली बुलाकर ऑनलाइन पेशी के नाम पर सुप्रीम कोर्ट से जमानत दिलाने का झांसा देकर रकम हड़प ली। पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर जांच शुरू करा दी है।
IPS अधिकारी बनकर किया संपर्क, मुंबई खाते से फर्जी लेनदेन का आरोप
शहर के दीवान जोगराज निवासी शरदचंद्र ने बताया कि 6 मई को उनके पास फोन आया। कॉल करने वाले ने अपना नाम विजय खन्ना (IPS अधिकारी) बताया और कहा कि वह CBI (Central Bureau of Investigation of India) से बात कर रहा है। कॉलकर्ता ने आरोप लगाया कि मुंबई की सेंट्रल बैंक से उनके नाम पर 2.80 करोड़ रुपये का संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुआ है। शरदचंद्र ने जब यह बताया कि उनका न तो मुंबई में कोई खाता है और न ही वह वहां कभी गए हैं, तो उन्हें 7 मई को दिल्ली बुलाया गया।
CBI प्रमुख और ‘जस्टिस खन्ना’ से ऑनलाइन पेशी का नाटक
दिल्ली बुलाने के बाद कहा गया कि CBI डायरेक्टर राहुल गुप्ता लैपटॉप पर जुड़ेंगे और उन्हें जस्टिस खन्ना के समक्ष वीडियो कॉल के माध्यम से पेश किया जाएगा। इसके बाद वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति ने खुद को ‘जस्टिस खन्ना’ बताया और कहा कि उनकी 94 लाख रुपये की एफडी लिक्विड करके एक खाते में ट्रांसफर करना होगा ताकि सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल सके।
तेलंगाना के बैंक खाते में भेजे 71 लाख रुपये
ठगों की बातों में आकर शरदचंद्र ने 14 मई को 71 लाख रुपये तेलंगाना स्थित एक बैंक (माधापुर शाखा) में आरटीजीएस के जरिए भेज दिए। कुछ समय बाद उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से फर्जी जमानत के दस्तावेज भी भेज दिए गए। इसके बाद जब उन्होंने फिर संपर्क किया तो कोई उत्तर नहीं मिला।
एसपी ने की पुष्टि, एसआईटी करेगी जांच
एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि यह बहुस्तरीय साइबर ठगी का गंभीर मामला है, जिसमें देश की प्रतिष्ठित जांच एजेंसी और न्यायपालिका की छवि का दुरुपयोग हुआ है। आरोपियों की तलाश के लिए SIT गठित कर जांच शुरू कर दी गई है।