दोस्ती का उठाया फायदा, 10 लाख रुपये में से सिर्फ डेढ़ लाख लौटाए
शहामतगंज निवासी आशीष सक्सेना, जो कि साल 2020 तक रोटरी क्लब बरेली सेंट्रल के सक्रिय सदस्य थे, ने थाना बारादरी पुलिस को दी तहरीर में बताया कि क्लब के ही पूर्व सदस्य राजीव अरोड़ा से उनकी पुरानी पहचान थी। वर्ष 2017 में राजीव ने दावा किया कि वह अपनी ऑटोमोबाइल दुकान खाली कर रहा है और उस जगह का किरायानामा आशीष एंड एसोसिएट्स के नाम से बनवा सकता है। राजीव ने आशीष से यह भी कहा कि दुकान के मालिक को उसने पहले से 10 लाख रुपये पगड़ी के रूप में दिए हैं, जो उन्हें वापस देने होंगे। आशीष सक्सेना ने विश्वास में आकर किस्तों में कुल 10 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
न दुकान मिली, न पैसे लौटे – मिली जान से मारने की धमकी
इतनी बड़ी रकम देने के बावजूद राजीव अरोड़ा ने न दुकान उपलब्ध करवाई और न ही पैसे वापस लौटाए। दो बार में केवल लगभग 1.55 लाख रुपये लौटाए, बाकी ₹8.45 लाख हड़प लिए। आशीष के मुताबिक जब उन्होंने पैसे वापस मांगे तो उन्हें धमकाया गया और जान से मारने की चेतावनी दी गई। दिए गए चेक भी बाउंस हो गए।
पुलिस ने दर्ज किया धोखाधड़ी और धमकी का मुकदमा
पीड़ित की शिकायत पर थाना बारादरी पुलिस ने आरोपी राजीव अरोड़ा के खिलाफ धोखाधड़ी (IPC 420), आपराधिक धमकी (IPC 506) सहित संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस अब आरोपी की तलाश में जुट गई है।