बैठक में डीएम अविनाश सिंह ने अध्यक्षता की और अधिकारियों को समय पर और प्रभावी ढंग से शिकायतों के समाधान के लिए निर्देश दिए। डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे शिकायतकर्ता से फोन पर संपर्क करें और सुनिश्चित करें कि उसे संतोषजनक समाधान मिला हो। हर शिकायत के निस्तारण के बाद इसकी जानकारी रजिस्टर में दर्ज करना अनिवार्य होगा।
आंगनबाड़ी वर्करों की भर्ती को लेकर भारी शिकायतें
बैठक में जब सामने आया कि अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और महिला एवं बाल विकास विभाग की शिकायतों का हाल बेहाल है, तो डीएम ने सीधे तौर पर जवाबदेही तय करते हुए सुधार की चेतावनी दे डाली। खास तौर पर आंगनबाड़ी वर्करों की भर्तियों को लेकर काफी शिकायतें आई थीं, जिनका निस्तारण ढीले ढाले तरीके से किया जा रहा है। इस पर डीएम ने साफ शब्दों में कहा अब ढिलाई नहीं चलेगी, शिकायतों को गंभीरता से लें।”
पेंशन योजनाओं में गड़बड़ी की जांच के आदेश
इतना ही नहीं, पेंशन योजनाओं में भी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आईं, मरे हुए या अपात्र लोगों के नाम पर पेंशन जारी होने का मामला उठा। इस पर समाज कल्याण और महिला कल्याण विभाग को भी डीएम ने जांच के सख्त आदेश दिए। डीएम ने ये भी कहा कि अब हर शिकायत के निस्तारण के बाद शिकायतकर्ता से कॉल करके पूछा जाएगा कि उसे संतोषजनक समाधान मिला या नहीं। और ये सब कुछ रजिस्टर में बाकायदा दर्ज होगा।
बैठक में ये अफसर रहे मौजूद
बैठक में एडीएम (वित्त एवं राजस्व), डीडीओ दिनेश कुमार, मनरेगा के डीसी हबीब अंसारी, सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह, ट्रैफिक एसपी अकमल खान, बीएसए संजय सिंह और डीआईओएस अजीत कुमार समेत तमाम विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।