इस कॉलोनी का निर्माण फतेहगंज पश्चिमी के धनतिया निवासी हारिस प्रधान और शिवम शुक्ला द्वारा कराया जा रहा था। दोनों ने बगैर किसी नक्शे को पास कराए जमीन पर प्लॉटिंग शुरू कर दी थी। वहां पर सड़कों का निर्माण किया जा रहा था और साइट ऑफिस भी तैयार कर लिया गया था। जमीन के टुकड़े चिन्हित करके लोगों को भूखंड बेचने की तैयारी की जा रही थी। यह सब बिना किसी वैध स्वीकृति के किया जा रहा था।
बुलडोजर चलाकर कॉलोनी ध्वस्त
बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. ए मनिकंदन ने बताया कि जैसे ही इस अवैध निर्माण की जानकारी मिली तो अधिकारियों ने तुरंत इस पर एक्शन लिया। अवर अभियंता अजीत साहनी, सीताराम, बौद्धमणि गौतम समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और बुलडोजर की मदद से वहां चल रहे निर्माण कार्यों को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई के बाद इलाके में चर्चा का माहौल बन गया है और अवैध कॉलोनी बसाने वालों में खलबली मच गई है।
बीडीए की लोगों को चेतावनी
बीडीए ने इस अवसर पर आम जनता को चेतावनी दी कि वे किसी भी कॉलोनी में प्लॉट खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह कॉलोनी पूरी तरह वैध है और उसका नक्शा प्राधिकरण द्वारा पास किया गया है। बिना नक्शा पास कराए बसाई गई कॉलोनियों में प्लॉट खरीदने से भविष्य में भारी परेशानी हो सकती है, क्योंकि ऐसी कॉलोनियों को कभी भी अवैध घोषित कर कार्रवाई की जा सकती है।