डॉ. भारद्वाज ने बताया कि यह समिति अस्पताल, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर जैसे क्लिनिकल संस्थानों के लिए राष्ट्रीय मानक तय करती है। इसका मुख्य उद्देश्य मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। यह एक्ट 50 से अधिक बेड वाले अस्पतालों पर लागू होता है और प्रत्येक जिले में इसकी कमेटी गठित है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री और विधायकों ने दी बधाई
नियुक्ति की खबर मिलते ही वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार, विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा, आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह, डॉ. रवीश अग्रवाल, डॉ. अनूप आर्य, डॉ. राजीव गोयल, डॉ. विनोद पागरानी और डॉ. रतनपाल सिंह ने उन्हें बधाई दी।
क्या है क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट?
यह एक्ट क्लिनिकल संस्थानों के लिए मानक तय करता है और सुनिश्चित करता है कि मरीजों को सही इलाज और सुविधाएं मिलें।