कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पौधारोपण किया। विधायक डॉ. श्याम बिहारी लाल ने अमलतास, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी ने मौलश्री, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक दीपक कुमार ने बरगद, ललित कुमार वर्मा ने कचनार, मुख्य वन संरक्षक (रूहेलखंड) पी.पी. सिंह ने गुलमोहर, वन संरक्षक रमेश चंद्रा ने बहेड़ा और बरेली की डीएफओ दीक्षा भंडारी ने महोगनी का पौधा रोपित किया।
प्लाईवुड उद्योग को राहत की दरकार
विनियर प्लाईवुड एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार अग्रवाल ने कहा कि प्लाईवुड उद्योग किसानों को सस्ता और टिकाऊ बाजार दे सकता है, लेकिन इसके लिए सरकारी प्रक्रियाएं आसान करनी होंगी। उन्होंने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने और रोजगार बढ़ाने के लिए एनओसी और अन्य मंजूरी की प्रक्रिया सरल की जाए। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने कार्बन क्रेडिट योजना पर नुक्कड़ नाटक पेश किया। इस दौरान लाभ पाने वाले किसानों दिनेश चंद्र शर्मा (सिंधौली, मीरगंज) और प्रेमशंकर (कुंडरा, बहेड़ी) ने अपने अनुभव साझा किए। किसानों ने बताया कि इस योजना से उनकी आमदनी में इजाफा हुआ है।
एक पेड़ मां के नाम अभियान का जिक्र
प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले आठ–दस सालों में बड़े पैमाने पर पौधारोपण हुआ है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड अलग होने के बाद प्रदेश का वन क्षेत्र सिर्फ 6 फीसदी रह गया था, जिसे अब बढ़ाकर 9.96 फीसदी तक पहुंचा दिया गया है। वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि 2012 से 2017 तक 26 करोड़ पौधे लगाए गए थे, जबकि इस साल अकेले एक दिन में 37.21 करोड़ पौधे लगाए गए। उन्होंने कहा कि अधिक पौधारोपण से किसानों को लकड़ी का अच्छा मूल्य मिलेगा और काष्ठ-आधारित उद्योगों को कच्चा माल उपलब्ध होगा। मंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि प्लाईवुड उद्योग की समस्याओं को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने किसानों को पौधे भी भेंट किए।