समिति सदस्य दीपक सोनी व अंशुल व्यास ने बताया कि महिला के शरीर से कबाड़, तार, बोतल व अन्य सामग्री निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। महिला को उचित देखभाल व इलाज के लिए कोटा स्थित अपना घर आश्रम भेजने का निर्णय लेकर उन्हें सूचित किया गया। कोटा से टीम के पहुंचने तक समिति सदस्यों चंद्रप्रकाश नागर एवं गोपी नागर ने करीब 3 घंटे तक महिला की निगरानी व देखभाल की। जब आश्रम की टीम बारां पहुंची तो महिला की हालत देखकर वे भी दंग रह गई। रेस्क्यू के बाद महिला को सुरक्षित आश्रम टीम को सौंपा गया। फिर टीम उसे लेकर रवाना हुई। इसकी जानकारी सदर थाना पुलिस को भी दी गई। इस मानवीय अभियान में समिति सदस्य चन्द्रप्रकाश व गोपी नागर के साथ सुरेंद्र नायक, अंशुल व्यास, दीपेश गर्ग, कशिश गोस्वामी, गौरव शर्मा व आकाश जागा आदि मौजूद रहे।