झालावाड़ और बारां के 27 गांवों के प्रभावितों को मिलेगा मुआवजा- फोटो पत्रिका
परवन वृहद् सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत डूब क्षेत्र में आने वाले राजस्थान के झालावाड़ और बारां जिलों के 27 ग्रामों के शेष मकानों के लिए 36.97 करोड़ रुपए की विशेष अनुदान राशि स्वीकृत की गई है। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत की पहल से वित्त विभाग ने इसको मंजूर किया है। शीघ्र ही प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि उपलब्ध हो सकेगी।
परियोजना के तहत पहले से ही झालावाड़ और बारां के 47 ग्रामों की डूब प्रभावित भूमि और 29 ग्रामों के आंशिक व पूर्ण डूब प्रभावित मकानों के लिए मुआवजा दिया जा रहा है। हालांकि, इस दौरान राजकीय भूमि (चारागाह, सिवायचक, वन भूमि) पर बने मकानों को मुआवजे के लिए शामिल नहीं किया था। इनमें झालावाड़ की तहसील खानपुर और अकलेरा के 17 तथा बारां की तहसील छीपाबड़ौद के 10 गांव शामिल हैं। अब इनके 1090 मकानों के लिए भी मुआवजा दिया जाएगा।
पीड़ितों से की थी मुलाकात
जल संसाधन मंत्री ने 22 और 23 अप्रेल को परवन बांध निरीक्षण के दौरान प्रभावितों से मुलाकात कर समस्या को गंभीरता से सुना। इसके बाद रावत ने विभागीय अधिकारियों को राजकीय भूमि पर स्थित मकानों/परिसम्पत्तियों के लिए विशेष राशि के रुप में मुआवजे का प्रस्ताव तैयार राज्य सरकार को भेजने के निर्देश दिए थे।
परियोजना के कार्यों को मिलेगी गति
मुआवजा राशि मिलने से प्रभावित परिवारों को राहत मिलेगी। साथ ही, परवन परियोजना के शेष निर्माण कार्यों में भी गति आएगी। उल्लेखनीय है कि परियोजना में 571 ग्रामों की 2.0 लाख हैक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाएगा। साथ ही 1402 ग्रामों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
इन गांवों के प्रभावितों को मिलेगी मुआवजा राशि
जिला झालावाड़ तहसील खानपुर एवं अकलेरा के राजकीय भूमि (चारागाह, सिवायचक, वन भूमि) में स्थित पूर्ण डूब प्रभावित 10 ग्राम कांगनीखेड़ा, खेरखेड़ा, हथोला, समरोल, सेवनिया, बुखारी, छापीहेड़ा, हथोली, मानपुरा, भीलखेड़ा एवं आंशिक डूब प्रभावित 7 ग्राम महुआखेडा, दौलाड़ा, बोरखेड़ी, अकावदकलां, अकावदखुर्द, हनोती एवं खोखेरालाला (कुल 17 ग्राम)। जिला बारां तहसील छीपाबडौद के पूर्ण डूब प्रभावित 7 ग्राम अमलावदा खरण, सुखनेरी, टाकुड़ा, बोरदा, मालोनी, फतेहपुर, पिपल्यिघाटा एवं आंशिक डूब प्रभावित 3 ग्राम बिलेण्ड़ी, मजरा पटपड़ी बंबोरी, खरण (कुल 10 ग्राम)।
यह वीडियो भी देखें हाड़ौती के लिए महत्त्वपूर्ण महत्त्वाकांक्षी परियोजना के डूब क्षेत्र के प्रभावितों को न्याय और सम्मानजनक मुआवजा मिलेगा। इससे परियोजना के कार्यों में तेजी आएगी। इससे निर्माण कार्य समयबद्ध रूप से पूर्ण हो सकेगा।